समय बुरा हो या भला, बीत ही जाता है। आखिरकार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने अपनी तरफ से पूरी तैयारी करके जेईई-मेन परीक्षा की तिथि घोषित कर दी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा परीक्षा को स्थगित करने की मांग वाली याचिका को खारिज करने के बाद अब परीक्षा के टलने की कोई उम्मीद नहीं लग रही है। कोविड-19 के चलते बार-बार परीक्षा की तिथि टलती जा रही थी। इस बार जैसे ही परीक्षा की तिथि घोषित हुई, मेरे पास परीक्षा की तैयारी से संबंधित ईमेल आने लगे।
अब परीक्षा में लगभग दो सप्ताह से भी कम समय बचा है। और अब यह बहुत ही जरूरी है कि कुछ ऐसा प्लान किया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा नंबर लाना संभव हो सके। जेईई-मेन के मार्क्स का बहुत ही महत्व है। आईआईटी एडवांस परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए जेईई-मेन में अच्छे मार्क्स की जरूरत तो होती ही है, साथ-साथ इसी मार्क्स के आधार पर एनआईटी और अन्य कई संस्थानों में दाखिला भी मिलता है। अब किसी भी नए टॉपिक को पढ़ने का समय नहीं रहा। आप जो कुछ भी पढ़ चुके हैं, उसका ही बार-बार रिवीजन करें। रिवीजन करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि शुरुआती दौर से ही पढ़ते समय जो टॉपिक आसान लगा था उस पर कम और जो टॉपिक कठिन लगा था उस पर ज्यादा ध्यान दें। जेईई-मेन के सिलेबस को ध्यान से देखें।
सिलेबस में शामिल हर चैप्टर का एक छोटा सा नोट्स बना लें। यह एक से दो दिनों में तैयार किया जा सकता है। नोट्स बनाने के दरम्यान आपका एक बार फिर से पूरे सिलेबस से परिचय हो जाएगा। इस बहाने रिवीजन भी हो जाएगा। अब आपके पास कुछ ही पन्नों का एक छोटा सा नोट्स है। जब भी वक्त मिले इसे जरूर पढ़ें। जितनी बार पढेंगें, उतना ही फयदा होगा। कई ऐसे टॉपिक होते हैं जिससे काफी आसान सवाल पूछे जाते हैं लेकिन, सिर्फ फाॅर्मूला भूल जाने की वजह से आप सवाल का जवाब नहीं दे पाते हैं। जैसे मैथेमेटिक्स में कोआर्डिनेट-ज्योमेट्री, वेक्टर, थ्रीडी और प्रोबेबिलिटी। फिजिक्स में मॉडर्न-फिजिक्स, लाइट और साउंड। केमिस्ट्री में इनोर्गेनिक केमिस्ट्री।
अक्सर भूल जाने वाले फॉर्मूले की लिस्ट जरूर तैयार रखें। फाॅर्मूले को याद रखने के दो ही उपाय हैं। पहला उसे ज्यादा से ज्यादा उपयोग में लाया जाए और दूसरा उसे पढ़कर याद किया जाए। अब समय कम होने की वजह से उसे बार-बार दोहराते रहने का पहला विकल्प ही आपके पास है। परीक्षा के इस आखरी समय में मॉक-टेस्ट या पिछले कुछ वर्षों की परीक्षा के प्रश्नों को हल करने का बड़ा ही लाभ होता। आप बाजार से कुछ क्वेश्चन-पेपर के सेट खरीद लें और सामने घड़ी रख कर अभ्यास करें। सुपर 30 के बच्चे अक्सर ऐसा किया करते हैं। आजकल तो इंटरनेट पर प्रैक्टिस के लिए बहुत सारे मॉक टेस्ट निःशुल्क उपलब्ध हैं।
अगर आपका इंटरनेट कनेक्शन बढ़िया है तब आप इसका भी लाभ उठा सकते हैं। इस तरह के अभ्यास के कई फायदे हैं। पहला कि आपसे क्या गलतियां हो रहीं हैं, इसका पता चलेगा और दूसरा आपका धीरे-धीरे कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा। लेकिन, याद रहे कि जब परीक्षा में तीन-चार दिन बचें तब आप मॉक-टेस्ट का अभ्यास बंद कर दें। परीक्षा भवन समय से पहले पहुंचें। इस बार तो कम से कम दो घंटे पहले रिपोर्ट करना होगा। मास्क और सैनेटाईजर का उपयोग कभी न भूलें। एकदम शांत और खुशी के भाव से परीक्षा-भवन में प्रवेश करें। एक बार सभी सवालों को ध्यान से पढ़ें। और फिर शुरुआत उसी सवाल से करें जो आपको सबसे आसान लग रहा हो। चाहे सवाल किसी भी सब्जेक्ट या टॉपिक से हो।
फिर धीरे-धीरे आगे बढ़ते जाएं। संभव है कि एक बार में देखने पर सभी सवाल आपको बहुत कठिन लगे। परंतु आप नर्वस नहीं हों। इस बात का ख्याल रखें कि अगर आपको कठिन लग रहा है तब सब के लिए कठिन है। अगर आप आप परीक्षा-भवन में धैर्य बनाए रखेंगे तब मैं पूरे यकीन के साथ कह सकता हूं कि रिजल्ट के दिन आपको बहुत खुशी मिलने वाली है।