जेईई मेन के लिए 90% छात्रों ने प्रवेश पत्र डाउनलोड किए; इंदौर में तीन केंद्रों पर होगी परीक्षा, सैनिटाइजेशन के लिए दो पेपर के बीच तीन घंटे का ब्रेक

Posted By: Himmat Jaithwar
8/27/2020

सोशल मीडिया पर विरोध के बीच इंदौर में 90 प्रतिशत जेईई प्रतिभागियों ने जेईई के प्रवेश पत्र भी डाउनलोड कर लिए हैं। कुछ छात्र अभी भी विरोध में है तो कुछ परीक्षा होने के पक्ष में हैं। ऐसी ही स्थिति परिजन को लेकर भी है। कुछ परिजन चाहते हैं परीक्षा नहीं हो। वहीं अधिकतर प्रतिभागियों केे परिजन चाहते हैं सितंबर में परीक्षा हो जाए।

परीक्षा में संभावित खतरों को कम करने के लिए एनटीए ने देशभर में एग्जाम सेंटर बढ़ाए हैं। सैनिटाइजेशन ठीक तरीके से हो सके, इसलिए दो पेपर के बीच के ब्रेक को ढाई के बजाय तीन घंटों का किया गया है। यह परीक्षा 1 से 6 सितंबर तक होना है। एक्सपर्ट विजित जैन के मुताबिक परिजन भी चाहते हैं कि जो बच्चे पांच महीने से लगातार पढ़ाई कर रहे हैं वे मुक्त हो जाएं। एनटीए सेंटर पर मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध करवाएगा। किसी में बीमारी के लक्षण दिखे तो सेंटर्स पर आइसोलेशन सीट की भी व्यवस्था रहेगी।

हर बच्चे की कुर्सी, टेबल, की-बोर्ड, कम्प्यूटर सहित अन्य चीजें सैनिटाइज हों इसलिए दो पेपर के बीच ब्रेक को आधा घंटा बढ़ाया है। शहर में जेईई मेन अभी तक दो सेंटर पर होती थी। इस बार तीन पर होगी। एक्सपर्ट सुमित उपमन्यु के अनुसार बच्चे मानसिक रूप से परेशान हो चुके हैं। 90 फीसदी प्रतिभागी और परिजन चाहते हैं परीक्षा तय समय पर हो। 80 से 100 फीसदी बच्चे प्रवेश पत्र डाउनलोड भी कर चुके।

परिजन बोले- परीक्षा नहीं होना चाहिए, कोई और रास्ता निकालें
अर्ना के पिता मनीष बिन्नानी का मानना है परीक्षा नहीं होना चाहिए। कोई और रास्ता निकालें। अयान अग्रवाल के पिता चंद्रेश अग्रवाल कहते हैं बेटा ढाई साल से तैयारी कर रहा है। देरी से नुकसान ही होगा। 19 अगस्त को काॅमडेक की परीक्षा में हमने सेंटर की व्यवस्थाएं देखीं, वो संतोषजनक थीं। विरोध करने वाले अपने बच्चों को अगले साल परीक्षा दिलवा सकते हैं। अनीश नाहर के पिता मनीष बताते हैं आईआईटी में जाने वाले बच्चे आगे चलकर देश के विकास में भूमिका निभाएंगे। परीक्षा न होना देश का नुकसान है। पूरी सतर्कता और सावधानी से परीक्षा हो तो मुझे नहीं लगता तीन घंटे में कोई नुकसान बच्चों को होगा।

पिछली परीक्षाओं के मुकाबले बढ़ गए चार-चार हजार प्रतिभागी
जनवरी में हुई जेईई में 42 हजार सात सौ के मुकाबले सितंबर में 47 हजार चार सौ प्रतिभागी बैठेंगे। जनवरी में 18 सेंटर थे। सितंबर के लिए प्रदेश में 26 सेंटर हैं। 2019 में हुई नीट में प्रदेश से 54 हजार चार सौ प्रतिभागी शामिल हुए। इस बार 58 हजार आठ सौ बैठेंगे पिछले साल के 84 सेंटरों के मुकाबले इस बार 144 सेंटर्स पर नीट होगी।



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