भोपाल. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच पुलिस दूरसंचार मुख्यालय में संचालित राज्य स्तरीय डायल 100 कंट्रोल रूम में 240 कॉल टेकर्स की बैठक व्यवस्था में बदलाव किया गया है। इन कॉल टेकर्स को अब तीन अलग-अलग भवनों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बिठाया जा रहा है। ताकि यदि कोई भी कॉल टेकर संक्रमित होता है तो पूरा कॉल सेंटर बंद न करना पड़े। रोजाना यहां प्रदेशभर से आए 27 हजार कॉल अटेंड होने के बाद करीब 7 हजार स्पॉट पर थानों में अटैच एफआरवी मौके पर पहुंचती हैं।
बाकी 20 हजार कॉल ब्लैंक या फिजूल होते हैं।
राज्य स्तरीय डायल 100 कंट्रोल रूम।
कॉल अटेंड करने के लिए अलग-अलग शिफ्ट में 240 कॉल टेकर और अफसरों तक सूचना पहुंचाने के लिए 96 डिस्पेचर रोजाना काम करते हैं। इनके अलावा पुलिस और बीवीजी कंपनी के अधिकारी-कर्मचारियों की भी पदस्थापना है। एडीजी संजय कुमार झा ने बताया कि इन सभी को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए कुछ सुरक्षा उपाय किए गए हैं। थर्मल स्कैनिंग, सेनिटाइजर, मास्क और ग्लब्स के साथ-साथ इन सभी के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के अनुसार नई बैठक व्यवस्था बनाई गई है। मुख्यालय की पहली मंजिल पर 17 कॉल टेकर, ग्राउंड फ्लोर पर 29 कॉल टेकर की बैठक व्यवस्था की गई है। राज्य सायबर सेल मुख्यालय में 14 कॉल टेकर और एमएलए कॉलोनी स्थित बीवीजी कंपनी के दफ्तर में 6 कॉल टेकर को बिठाया जा रहा है। डिस्पेचर की 24 डेस्क और सुपरवाइजर/मॉनिटरिंग अफसरों की बैठक व्यवस्था भी पुलिस दूरसंचार मुख्यालय की बिल्डिंग में ही की गई है।
डायल 100 कंट्रोल रूम में कार्य करते पुलिसकर्मी।
कलर टैगिंग से होगी पहचान:
कॉल टेकर्स की सोशल डिस्टेंसिंग के लिए कलर टैगिंग की व्यवस्था की गई है। इसके लिए कर्मचारियों को अलग-अलग करने के लिए लाल, हरे, नीले, पीले और नेवी ब्लू रंग के टैग पहनाए जा रहे हैं। इन कलर टैग के अनुसार ही कॉल टेकर्स को अपनी-अपनी बैठक व्यवस्था के अनुरूप बैठना होगा। यही व्यवस्था कैंटीन में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भी लागू है, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन हो सके।