कचरे के ढेर में शव दफनाने के मामले में मानव अधिकारी आयोग ने मांग जवाब

Posted By: Himmat Jaithwar
7/8/2022

रतलाम । कचरे के ढेर में शव को दफनाने के मामले की खबर को तेज इंडिया ने प्रमुखता से उठाया था उसके बाद अब मानवाधिकार आयोग ने रतलाम कलेक्टर एसपी और कमिश्नर से एक माह में जवाब मांगा है शहर में मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक घटना प्रकाश में आई है। जिसमें मृत व्यक्ति की लाश कचरे के ढेर में गाड दी गई। घटना एक माह पुरानी है। साजिद अली नाम के एक व्यक्ति की लाश रतलाम शहर के काटजू नगर के समीप दिखाई पड़ी थी। सूचना मिलते ही पुलिस ने साजिद की लाश को सिविल हाॅस्पिटल, रतलाम भेजा। जिसके बाद मृतक की अज्ञात लाश होने और शिनाख्त नहीं हो पाने पर लाश को नगर निगम के कचरा संग्रहण केन्द्र में गड़वा दिया। परिजनों द्वारा जब थना स्टेशन रोड और औद्योगिक क्षेत्र थाना के चक्कर लगाए, तो पता चला कि अज्ञात व्यक्ति की कोई पहचान नहीं हो सकी और अज्ञात लाश होने पर लाश को नगर निगम ट्रेचिंग ग्राउंड बीरयाखेड़ी रतलाम यानी कचरा संग्रहण केन्द्र पर गड़वा दिया। परिजनों द्वारा जब थाना औद्योगिक क्षेत्र पर मृत व्यक्ति के कपड़े चप्पल देखे, तो उनके द्वारा मृतक व्यक्ति की शिनाख्त साजिद अली निवासी डीजल शेड, राजीव नगर, रतलाम की गई। परिजन मृतक के दो मासूम बच्चों के साथ उनके पिता की लाश को 5 जून से लगातार तीन दिनों तक कचरा संग्रहण केन्द्र में तलाश करते रहे। आखिरकार परिजनों की मेहनत रंग लाई। सात जून की सुबह साजिद की लाश कचरे के ढेर से मिल ही गई। बाद में परिजनों द्वारा मृत व्यक्ति साजिद की लाश को ससम्मान सुपुर्द-ए-खाक किया गया। एक ओर जहां भारत देश में व्यक्ति को अपने संवैधानिक मौलिक अधिकारों के साथ जीवन जीने का अधिकार है, वही भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 जो जीवन के अधिकार की गारंटी देता है, व्यक्ति के जीवन के कई पहलुओं को शामिल करता है, जिसमें सम्मान का अधिकार भी शामिल है। सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न निर्णयों द्वारा यह अधिकार मृत व्यक्तियों को भी दिया गया है। इस गंभीर मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री नरेन्द्र कुमार जैन ने कलेक्टर रतलाम, एसपी रतलाम एवं नगर निगम आयुक्त, रतलाम से एक माह में तथ्यात्मक जवाब मांगा है।



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