जैक मा का अंट ग्रुप सउदी अरामको के आईपीओ को पीछे छोड़ लाएगा बड़ा इश्यू, हांग कांग और शंघाई के बाजार में एक साथ होगी लिस्टिंग

Posted By: Himmat Jaithwar
7/22/2020

अरबपति जैक मा का अंट ग्रुप हांग कांग और शंघाई के मार्केट से 200 अरब डॉलर के वैल्यूएशन पर आईपीओ लाने पर काम कर रहा है। इसके जरिए चीन के इंटरनेट मार्केट में लीडर के रूप में यात्रा करने की शुरुआत की योजना है। इससे सउदी अरामको के 29 अरब डॉलर के आईपीओ के रिकॉर्ड को टूटने की भी संभावना है। 

हांगकांग और शंघाई स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग की तैयारी 

चीन की सबसे बड़ी मोबाइल पेमेंट कंपनी के जनक हांगकांग और शंघाई स्टॉक एक्सचेंज के स्टार बोर्ड पर एक साथ दो लिस्टिंग करेंगे। हांग्जो स्थित फर्म ने कहा कि यह हाल के साल में ऐसी कोई सबसे बड़ी शुरुआत है। अंट पहले से बड़े पैमाने पर वॉल स्ट्रीट फर्म की तुलना में सबसे ज्यादा अमीर हैं। अगर स्थितियां सही रहती हैं तो यह सऊदी अरामको के रिकॉर्ड 29 अरब डॉलर के आईपीओ से ज्यादा पैसा जुटा सकते हैं।

डाइवर्सिफाइ किया गया है बिजनेस

अलीबाबा साम्राज्य का सिरमौर अंट अब लोन और ट्रैवेल सेवाओं से फूड्स वितरण के बिजनेस में शामिल हो गया है। अब यह समूह ऑनलाइन मॉल में तेजी से विकास कर रहा है। अंट के सीईओ साइमन हू ने कहा है कि अली पे सिर्फ एक पेमेंट गेटवे और फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर न होकर यह दुनिया का सबसे बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बन चुका है।

भारत और थाईलैंड में डिजिटल पेमेंट 

इसका एक काम अब एशिया में इसकी पहुंच विकसित करना है, जहां यह भारत और थाईलैंड में डिजिटल भुगतान के साथ काम कर रहा है। साथ ही फंड मैनेजमेंट और जोखिम नियंत्रण में अपनी विशेषज्ञता को आगे बढ़ा रहा है। अलीबाबा का शेयर न्यूयॉर्क में मंगलवार को 3.1 प्रतिशत तक बढ़ गया। 2014 के आईपीओ के बाद से यह एक रिकॉर्ड है। इस मामले से वाकिफ लोगों ने कहा कि अंट ने अपनी हांगकांग की ऑफरिंग के लिए चाइना इंटरनेशनल कैपिटल कॉर्प, सिटीग्रुप इंक, जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी और मॉर्गन स्टेनली को बैंकर्स चुना है। इससे 10 अरब डॉलर जुटा सकते हैं।

चीन की कई इंटरनेट फर्म ने दो-दो लिस्टिंग की है 

अलीबाबा की चीन की यह नई बड़ी कंपनी है जो लिस्टिंग के लिए तैयार है। इससे न्यूयॉर्क का पूंजी बाजार भी उतने महत्व का नहीं रहा। सेमी कंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग इंटरनेशनल कॉर्प ने जुलाई में शेयर बिक्री से 7.5 बिलियन डॉलर जुटाया है। JD.com इंक और NetEase इंक सहित कुछ चीनी इंटरनेट फर्मों ने भी इस साल हांगकांग में दूसरी लिस्टिंग की है। हांगकांग स्थित कंसल्टेंसी ट्राइकोर ग्रुप में आईपीओ की प्रमुख पामेला चुंग ने कहा कि भारी मात्रा में पूंजी के बावजूद यह सुनिश्चित नहीं है कि निवेशक अंट ग्रुप को कैसे देखेंगे क्योंकि बाजार में काफी टेक स्टॉक्स हैं।

अंट का आखिरी वैल्यूएशन 150 अरब डॉलर था

दोहरी लिस्टिंग पहले बैंकों, तेल और गैस उत्पादकों के लिए पसंदीदा रास्ता हुआ करता था। पर अब शेयर बिक्री में शामिल जटिलताओं के चलते परिस्थितियाँ बदल गई हैं। अंट का फैसला शंघाई के स्टार बोर्ड के लिए एक जीत है। दोहरी लिस्टिंग से हांगकांग एक्सचेंज एंड क्लियरिंग लिमिटेड को भी मदद मिलती है। अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग लिमिटेड भी शामिल है। अलीबाबा की फाइलिंग से पता चला है कि अंट का आखिरी वैल्यूएशन 150 अरब डॉलर था। इसने चौथी तिमाही में 2 अरब डॉलर का लाभ कमाया है।

अंट ने अमेरिका में विस्तार योजना को रोका

अलीबाबा की तरह अंट ने अपने अमेरिका में विस्तार पर रोक लगाई है। क्योंकि अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है। जैक मा ने 2018 में कहा था कि अमेरिका में 10 लाख नौकरियां पैदा करने का उनका वादा दो सुपर शक्तियों के बीच तनाव के कारण पूरा होना नामुमकिन था। इसके बजाय, अंट ने एशिया के बाकी हिस्सों में अपनी उपस्थिति बनाने पर इसे ऑफशोर महत्वाकांक्षाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। यह भारत में पेटीएम के मालिकों और फिलीपींस में जी कैश सहित नौ पेमेंट स्टार्टअप्स के साथ काम कर रहा है।

अंट अब कंज्यूमर और आईटी सेवाओं में विस्तार कर रहा है 

यह कंज्यूमर और आईटी सेवाओं में विस्तार कर रहा है। इसके आई टी सोल्यूशंस में क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन और जोखिम नियंत्रण में सेवाएं शामिल हैं। अंट का उद्देश्य बैंकों द्वारा ग्राहकों को लोन लेने में सहायता करना है। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए केएफसी होल्डिंग कंपनी और मैरियट इंटरनेशनल इंक जैसे ब्रांडों के साथ साझेदारी करना है।

मोबाइल पेमेंट अली पे का हिस्सा लगातार बढ़ा

अंट के सीईओ साइमन हू यह सोच कर अपना दांव लगा रहा है कि वे सभी रणनीतियां आंट को चाइना के 29 ट्रिलियन डॉलर वाले मार्केट में अपना एकाधिकार जमाने में मदद करेगा। रिसर्च कंसल्टेंट आई रिसर्च के मुताबिक, मोबाइल पेमेंट अली पे का हिस्सा लगातार तीन तिमाहियों तक बढ़ा है। चौथी तिमाही में यह बढ़कर 55.1% हो गया है। टेंसेन्ट की बाजार हिस्सेदारी 38.9% है।

स्थापना से ही विवादों का नाता रहा है 

अंट ने मई के अंत में अपना नाम अंट फाइनेंशियल सर्विसेज ग्रुप से बदलकर अंट ग्रुप कंपनी रख लिया। अंट ने कहा कि इसकी स्थापना से ही विवादों से इसका गहरा रिश्ता रहा है। 2010 में, जैक मा ने याहू इंक सहित शेयरधारकों की आपत्तियों के बाद अलीबाबा से अली पे को संभावित नियमों का हवाला देते हुए बंद कर दिया था। जैक मा ने कहा कि इससे वित्तीय व्यवसायों के विदेशी ओनरशिप पर अंकुश लगाया जा सकता है।

अलीबाबा ने अंट में 33 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी

अली पे ने बाद में लोन, फंड मैनेजमेंट और कंज्यूमर क्रेडिट में अपना विस्तार किया। इसे अब अंट ग्रुप के नाम से जाना जाता है। अंततः अलीबाबा ने पिछले साल अंट में 33 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदकर इस विवाद को खत्म कर दिया था। अंट के आईपीओ के साथ अब शेयरधारक अलीबाबा के बिजनसे को एक अलग तरीके से देख रहे हैं।



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