बेहद दुर्लभ खगोलीय घटना: सूर्य जितने बड़े तारे में हुआ अचानक विस्फोट और फिर...

Posted By: Himmat Jaithwar
10/14/2020

लंदन: खगोलविदों (Astronomers) ने एक बेहद दुर्लभ घटना को कैद किया है. उन्होंने दूरबीन की मदद से उस क्षण को कैप्चर करने में सफलता हासिल की है, जब ब्लैक होल (Massive Black Hole) सूरज जितने आकार के तारे (Sun-sized star) को निगल रहा था. ब्लैक होल द्वारा तारों को निगलने की इस प्रक्रिया को ‘स्पैगेटिफिकेशन’ (Spaghettification) के नाम से जाना जाता है. 

अचानक विस्फोट हुआ
खगोलविदों ने यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला (European Southern Observatory – ESO) और दुनियाभर के अन्य अंतरिक्ष केंद्रों की दूरबीनों का उपयोग करके देखा कि सूर्य जितने बड़े तारे में अचानक विस्फोट हुआ और वह ब्लैक होल में समा गया. वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे ब्लैक होल और तारों के संबंधों के बारे में जानने में मदद मिलेगी.  

असामान्य टाइडल डिसरप्शन ईवेंट 
अंतरिक्ष में होने वालीं ऐसी घटनाओं को ज्वारीय विघटन (टाइडल डिसरप्शन) कहा जाता है. यह असामान्य 'टाइडल डिसरप्शन ईवेंट' ऊर्जा की चमकदार लपट के तौर पर दिखा, जो केवल 21.5 करोड़ प्रकाश वर्ष की दूरी के साथ अपने आप में सबसे करीब है. ब्रिटेन की रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के प्रोफेसर मैट निकोल (Matt Nicholl) ने इस बारे में बताते हुए कहा कि ब्लैक होल के आसपास के तारों को निगलने की घटना साइंस फिक्शन जैसी लगती है, लेकिन 'टाइडल डिसरप्शन ईवेंट' में ऐसा वास्तव में होता है. हालांकि, ऐसी घटनाएं जहां सूर्य जितने बड़े आकार का तारा स्पैगेटिफिकेशन के तहत ब्लैक होल में समा जाता है, दुर्लभ हैं और इनका अध्ययन आसान नहीं होता.

2019 की घटना के बाद से था फोकस
शोधकर्ताओं की टीम ने यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला के वेरी लार्ज टेलीस्कोप (वीएलटी) और न्यू टेक्नोलॉजी टेलीस्कोप (एनटीटी) को उस दिशा पर केंद्रित किया हुआ था, जहां 2019 में एक विशालकाय ब्लैक होल के करीब रोशनी दिखाई दी थी. ताकि विस्तार से यह पता लगाया जा सके कि क्या होता है जब ब्लैक होल तारों को निगलता है.

दिखाई देती है चमकीली रोशनी
अध्ययन के लेखक थॉमस वीवर्स ने कहा कि जब कोई बदकिस्मत तारा आकाशगंगा के केंद्र में एक विशालकाय  ब्लैक होल के करीब पहुंचता है तो ब्लैक होल का अत्यधिक गुरुत्वाकर्षण खिंचाव तारे को पदार्थ के छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित कर देता है. इस स्पैगेटिफिकेशन प्रक्रिया के दौरान तारकीय सामग्री के कुछ पतले स्ट्रैस ब्लैक होल में गिर जाते हैं, जिससे एक चमकीली रोशनी दिखाई देती है. हालांकि, विस्फोट के चलते धूल और मलबे आदि के कारण इस रोशनी को कैप्चर करना वैज्ञानिकों के लिए आसान नहीं होता, लेकिन इस बार वह ऐसा करने में सफल रहे हैं. 

एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ता निकोल के मुताबिक, तारे का द्रव्यमान सूर्य के समान ही था और उसका आधे से ज्यादा भाग ब्लैक होल में समा गया था, जो उससे भी कई लाख गुना विशाल है. उन्होंने कहा कि इस अध्ययन से विशाल ब्लैक होल को समझने में मदद मिलेगी. 



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