अमेरिका ने भारत से चीनी कंपनियों को 5G ट्रायल से बाहर रखने की बात कही है। ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन ने भारत में होने वाले 5G ट्रायल और अन्य सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) नेटवर्क से चीन की हुवावे और जेटीई को हटाने की बात कही है। दरअसल, अमेरिका और भारत इसी सेक्टर में कमर्शियल सुधार की योजना पर काम कर रहे हैं। अगले हफ्ते अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर भारत आने वाले हैं।
चीनी कंपनियां भरोसे लायक नहीं
ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन के अफसर ग्रेग कैलबेग ने कहा कि हम भारत के 5G नेटवर्क और व्यापक आईसीटी इंफ्रास्ट्रक्चर से हुवावे, जेडटीई और अन्य अविश्वसनीय कंपनियों से उपकरणों को हटाने और बाहर करने के लिए भारत सरकार को प्रोत्साहित करेंगे। इसके अलावा कम्युनिकेशन नेटवर्क के जोखिमों की समीक्षा करने के लिए भी कहेंगे।
एक ऑनलाइन इवेंट में कैलबेग ने कहा कि चीन की कंपनियों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। क्योंकि वे अपनी सरकार के इशारों पर काम करती हैं। इस इवेंट में भारत की ओर से भारतीय दूरसंचार विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जनरल किशोर बाबू, COAI के अधिकारी और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। हालांकि, भारत ने सीमा पर विवाद के चलते पहले ही चीन की कंपनियों को 5G ट्रायल से बाहर रखने की योजना बना ली थी।
अमेरिका में जियो ने किया सफल ट्रायल
इस सप्ताह अमेरिकी टेक्नोलॉजी फर्म क्वालकॉम के साथ मिलकर भारतीय कंपनी रिलायंस जियो ने अमेरिका में अपनी 5G टेक्नोलॉजी का सफल परीक्षण किया था। अमेरिका के सैन डियागो में हुए एक वर्चुअल इवेंट में यह घोषणा की गई थी। रिलायंस जियो के प्रेसिडेंट मैथ्यू ओमान ने क्वालकॉम इवेंट में कहा कि क्वालकॉम और रिलायंस की सब्सिडियरी कंपनी रेडिसिस के साथ मिलकर हम 5G टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं, ताकि भारत में इसे जल्द लॉन्च किया जा सके।
हुवावे को मिलेगी कड़ी टक्कर
रिलायंस जियो की इस सफलता से चीनी कंपनी हुवावे को दुनियाभर में कड़ी चुनौती मिल सकती है, जिसे बहुत से देशों ने प्रतिबंध लगा दिया है। इसमें ब्राजील और कनाडा जैसे देश शामिल हैं। जानकारों की मानें तो 5G टेक्नोलॉजी के सफल परीक्षण के बाद अब रिलायंस जियो दुनियाभर में चीनी कंपनी हुवावे की जगह ले सकती है।
सबसे तेज 5G डाउनलोड स्पीड सऊदी अरब में है
वर्तमान में दुनियाभर के कई देशों में 5G नेटवर्क शुरू हो चुका है, तो कई देशों में इसका ट्रायल शुरू करने वाला है। इस बीच इंटरनेट स्पीड को टेस्ट करने वाली कंपनी ओपनसिग्नल ने हाल ही में 5G नेटवर्क से जुड़ी एक रिपोर्ट पेश की थी। इसके मुताबिक, दुनिया में सबसे तेज 5G डाउनलोड स्पीड सऊदी अरब में है। जबकि दूसरे नंबर पर दक्षिण कोरिया है।
भारत में 5G नेटवर्क पर खर्च
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि A सर्कल और मेट्रो शहरों के लिए 78,800 करोड़ रुपए से लेकर 1.3 लाख करोड़ रुपए तक का खर्च आ सकता है। जबकि केवल मुंबई में 5G के लिए 10 हजार करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत होगी।