लॉकडाउन में टूरिज्म का बिजनेस बंद हुआ तो डोर-टू-डोर सब्जियां और अनाज पहुंचाने का ऑनलाइन स्टार्टअप शुरू किया, अब हर महीने 5 लाख कमाई

Posted By: Himmat Jaithwar
4/11/2021

नई दिल्ली। कोरोनावायरस ने हमें जख्म तो बहुत दिए हैं, लेकिन साथ ही इसने हमें बहुत कुछ सिखाया भी है। मसलन मुश्किलों से जूझना, कुछ नया सोचना और फिर उसे इम्प्लीमेंट करने के बाद मुकाम तक ले जाना। यह सबकुछ कोरोना काल में हुआ है। कई लोग इसमें सफल हुए हैं। ऐसी ही कहानी है उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले विकल कुलश्रेष्ठ की। विकल अभी नोएडा और उसके आसपास के इलाकों में डोर टू डोर सब्जियां और राशन पहुंचाने का ऑनलाइन स्टार्टअप चला रहे हैं। हर दिन उनके पास करीब 100 ऑर्डर आ रहे हैं। इससे हर महीने उन्हें 4 से 5 लाख रुपए की कमाई हो रही है।

विकल ने हॉस्पिटैलिटी में मास्टर्स किया है। उनके पास जमा जमाया ट्रेवल एंड टूरिज्म का बिजनेस था। दो दशक से वे इस फील्ड में काम कर रहे थे, लेकिन पिछले साल जब कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगा तो उनका काम बंद हो गया। कुछ दिनों तक उन्होंने इसे बहुत सीरियसली नहीं लिया। उन्हें लगा जल्द सबकुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन जब लॉकडाउन बढ़ने लगा तो उन्हें आगे की चिंता सताने लगी।

ऑटो में सब्जियां पैक करके डिलीवरी के लिए जाते विकल की टीम के मेंबर।
ऑटो में सब्जियां पैक करके डिलीवरी के लिए जाते विकल की टीम के मेंबर।

एक बिजनेस बंद तो दूसरा शुरू

इसके बाद विकल ने अलग-अलग आइडिया के बारे में सोचना शुरू किया। उन्होंने थोड़ा वक्त लिया और हर तरह के सेक्टर और उनमें नया क्या कर सकते हैं इसको लेकर रिसर्च करना शुरू किया। इस दौरान उन्होंने महसूस किया कि कोरोना काल में कई लोगों को जरूरत की चीजें नहीं मिल पा रही हैं। किसी के पास राशन नहीं है तो कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें सब्जियां नहीं मिल पा रही हैं। ऐसे में इस सेक्टर में कुछ काम शुरू किया जा सकता है। जुलाई 2020 में विकल ने फार्मर्स फैमिली नाम से एक कंपनी रजिस्टर की और अपना काम करना शुरू कर दिया।

47 साल के विकल बताते हैं कि मैंने कभी खेती तो नहीं की थी, लेकिन मेरा इससे लगाव रहा था। खाली वक्त में गांवों में जाता था तो खेत पर भी जाता था। जो लोग खेती करते थे उनके काम को समझता था। उनसे चर्चा करता था। इसलिए मुझे लगा कि ये काम बहुत मुश्किल नहीं है। सब्जियां और राशन के सामान तो गांवों से मिल जाएंगे।

विकल अभी यूपी और उत्तराखंड में किसानों से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करवा रहे हैं। वे अपना प्रोडक्ट विकल को भेजते हैं।
विकल अभी यूपी और उत्तराखंड में किसानों से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करवा रहे हैं। वे अपना प्रोडक्ट विकल को भेजते हैं।

इसके बाद विकल ने अपनी एक छोटी सी टीम बनाई। कुछ गांव के किसानों से टाइअप किया। कुछ महिला समूहों से बात की जो खुद से अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट तैयार करती हों। फिर खुद की वेबसाइट बनाई। सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। और काम करना शुरू कर दिया।

मार्केट डेवलप करना सबसे चैलेंजिग काम रहा

विकल कहते हैं कि काम शुरू करने के बाद सबसे मुश्किल टास्क रहा मार्केट में जगह बनाना और लोगों को यह समझाना कि हम बेहतर प्रोडक्ट प्रोवाइड कर रहे हैं। शुरू में लोगों को यकीन नहीं हो रहा था तो कुछ लोग ऐसे भी मिले जिन्हें प्रोडक्ट पसंद आने के बाद भी वे बाजार से ही लेना पसंद करते थे, लेकिन हमने लगातार कोशिश जारी रखी और कामयाब भी हुए। हमने सोशल मीडिया पर कैम्पेनिंग की। इसके बाद खुद की वेबसाइट और ऐप लॉन्च किया। उसके बाद ऑर्डर्स की संख्या बढ़ने लगी।

क्या है मार्केटिंग मॉडल, कैसे काम करते हैं?

अभी विकल नोएडा और उसके आसपास के इलाकों में ही अपने प्रोडक्ट की सप्लाई कर रहे हैं। आने वाले दिनों में वे दूसरे शहरों में भी इसे शुरू करेंगे। उनके साथ 28 लोगों की टीम काम कर रही है।वे अभी तीन स्टेप्स में अपना काम कर रहे हैं। जो इस प्रकार है...

प्रोडक्ट की पैकेजिंग करते हुए विकल की टीम के लोग। उनकी टीम में अभी 28 लोग काम करते हैं।
प्रोडक्ट की पैकेजिंग करते हुए विकल की टीम के लोग। उनकी टीम में अभी 28 लोग काम करते हैं।
  • कलेक्शन

विकल अभी उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में कुछ जगहों पर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करवा रहे हैं। इससे 400 के करीब किसान उनसे जुड़े हैं। वे इनके लिए सब्जियां और अनाज उगाते हैं। खेत से प्रोडक्ट निकलने के साथ ही विकल गाड़ी भेजकर वहां से सब्जियां और अनाज उठा लेते हैं। इसके साथ ही कई ऐसे छोटे किसान हैं जो अपना प्रोडक्ट विकल के पास पहुंचाते हैं।

  • सेलेक्शन

इसके बाद विकल की टीम प्रोडक्ट की क्वालिटी टेस्ट करती है, साफ-सफाई करती है और फिर उसकी अलग-अलग प्रोडक्ट और वैराइटी के हिसाब से पैकेजिंग की जाती है। जो प्रोडक्ट जल्दी खराब होने वाले होते हैं, उनकी पैकेजिंग के लिए विशेष सावधानियां रखी जाती हैं। उनके लिए अलग तरह के पैकेट्स भी इस्तेमाल किए जाते हैं।

ट्रैक्टर चलाते हुए विकल। विकल भले ही किसान परिवार से ताल्लुक नहीं रखते लेकिन खेती से उनका लगाव हमेशा से रहा है।
ट्रैक्टर चलाते हुए विकल। विकल भले ही किसान परिवार से ताल्लुक नहीं रखते लेकिन खेती से उनका लगाव हमेशा से रहा है।
  • डिस्ट्रीब्यूशन

जब विकल की टीम पैकेजिंग का काम कर लेती है तो डिस्ट्रीब्यूशन का काम शुरू होता है। इसके लिए उनकी टीम प्रोडक्ट और लोकेशन वाइज ऑर्डर को अलग-अलग कैटेगरी में बांटती है और फिर उसके घर सामान पहुंचाया जाता है, जहां से ऑर्डर मिला होता है। विकल बताते हैं कि सोशल मीडिया या हमारी वेबसाइट या ऐप पर जाकर कोई अपनी मनपसंद प्रोडक्ट के लिए ऑर्डर कर सकता है। हमारी टीम चंद घंटों में प्रोडक्ट की सप्लाई कर देती है।



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