लॉकडाउन में 2 दोस्तों ने नौकरी छोड़कर होममेड स्टार्टअप शुरू किया, 8 महीने में 40 को रोजगार दिया, खुद भी लाखों कमा रहे

Posted By: Himmat Jaithwar
4/19/2021

नई दिल्ली। पिछले साल कोरोना महामारी में कई लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी, कई लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा। तो कई लोगों के लिए दो वक्त की रोजी-रोटी की व्यवस्था करना भी दूभर हो गया था। उस मुश्किल दौर में कुछ लोग मदद के लिए आगे आए तो कुछ लोगों ने अपने आइडिया और इनोवेशन से खुद के साथ-साथ दूसरे लोगों को भी सेल्फ डिपेंडेंट बनाया। आज की पॉजिटिव खबर में ऐसी ही कहानी है केरल में रहने वाले दो युवाओं की, जिन्होंने अपने स्टार्टअप से पिछले 8 महीने में 40 गरीब महिलाओं को रोजगार दिया है। साथ ही खुद भी अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं।

केरल के कोच्चि के रहने वाले हाफिज रहमान और त्रिवेंद्रम के रहने वाले अक्षय रवीन्द्रन दोनों MBA ग्रेजुएट हैं। दोनों क्लास मेट रहे हैं। पढ़ाई पूरी करने के बाद दोनों की जॉब लग गई। हाफिज एक मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर HR तो अक्षय एक स्पोर्ट्स ब्रांड की मार्केटिंग का काम देखते थे।

मां ने कहा कि कुछ ऐसा करो जिससे लोगों को रोजगार मिले

हाफिज बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान लोगों की नौकरियां जा रही थीं। शहरों से भागकर लोग अपने-अपने गांव आ रहे थे। मेरे पड़ोस में रहने वाले कई लोगों की नौकरी चली गई थी। इन हालात को देखकर मेरी मां बहुत दुखी थीं। तब मां ने ही मुझसे कहा कि कुछ ऐसा काम क्यों नहीं करते जिससे कि इन लोगों को गांव में ही रोजगार मिल सके। इसके बाद हाफिज ने अपने दोस्त अक्षय से इस आइडिया को लेकर बात की। अक्षय को भी हाफिज का सुझाव अच्छा लगा। इसके बाद दोनों ने एक स्टार्टअप लॉन्च करने की योजना बनाई।

अभी उनकी कंपनी पांच तरह के अचार बना रही है। इसमें कई फलों और सब्जियों को मिलाकर नई वैरायटी बनाई गई है।
अभी उनकी कंपनी पांच तरह के अचार बना रही है। इसमें कई फलों और सब्जियों को मिलाकर नई वैरायटी बनाई गई है।

हाफिज कहते हैं कि हम एक ऐसा स्टार्टअप शुरू करना चाहते थे जिसमें गरीब महिलाओं को शामिल किया जा सके। उन्हेंं अर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सके। इसलिए हमने तय किया कि हम होममेड पिकल (अचार) बनाने का सोशल वेंचर शुरू करेंगे। इसके बाद हम दोनों ने नौकरी छोड़ दी और जुलाई 2020 में Athey Nallatha नाम से अपनी कंपनी रजिस्टर की और काम करना शुरू कर दिया।

खुद पर भरोसा हो तो कामयाबी मिलती है

ऐसे वक्त में अच्छी-खासी नौकरी छोड़ना, जब लोगों की नौकरियां जा रही हों, कितना मुश्किल डिसीजन होता है? इस सवाल पर हाफिज कहते हैं कि चाहे नौकरी हो या खुद का बिजनेस, चैलेंज तो दोनों में हैं। जब आप उस चैलेंज से निपटने के लिए खुद को तैयार कर लेते हैं तो आपकी आगे की राह आसान हो जाती है। वे कहते हैं कि बिजनेस का आइडिया हमारे मन में पहले से था। हम दोनों अक्सर कॉलेज टाइम में इसको लेकर चर्चा करते रहते थे। हालांकि पढ़ाई पूरी होने के बाद हमारी नौकरी लग गई। जिसके बाद ये प्लान होल्ड हो गया। इसलिए हमें खुद पर भरोसा था कि कदम वापस नहीं खींचने पड़ेंगे।

काम शुरू करने से पहले मार्केट एनालिसिस किया

वे कहते हैं कि ये तो तय था कि हम अचार का ही बिजनेस करेंगे, लेकिन हमारा बिजनेस मॉडल क्या होगा, हमारे प्रोडक्ट की क्वालिटी क्या होगी? इसको लेकर हमने स्टडी करना शुरू किया। मार्केट में जो अचार के प्रोडक्ट्स थे, उनके बारे में जानकारी जुटाई। उनकी क्वालिटी, क्वांटिटी और प्राइस का एनालिसिस किया। फिर हमने खुद के प्रोडक्ट पर काम करना शुरू किया। हमने तय किया कि मार्केट प्राइस के रेंज में हम बेहतर क्वालिटी और अलग व नए टेस्ट में अचार तैयार करेंगे।

हाफिज रहमान और अक्षय रवींद्रन। साथ में दोनों की मां भी हैं। हाफिज कहते हैं कि मां की मदद से ही उनका ये बिजनेस चल रहा है।
हाफिज रहमान और अक्षय रवींद्रन। साथ में दोनों की मां भी हैं। हाफिज कहते हैं कि मां की मदद से ही उनका ये बिजनेस चल रहा है।

एक-एक कर स्थानीय महिलाओं को जोड़ते गए

हाफिज बताते हैं कि हमने अपने स्टार्टअप की शुरुआत दो स्थानीय महिलाओं से की। ये दोनों महिलाएं हमारे लिए अचार तैयार करती थीं। जिसके बदले हम उन्हें पैसे देते हैं। हम लोग अचार की क्वालिटी टेस्टिंग और प्रोसेसिंग के बाद उन्हें पैक करके मार्केट में सप्लाई करते थे। बाद में हमने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर फोकस किया। सोशल मीडिया पर कैंपेन शुरू किया, खुद की वेबसाइट डेवलप की। कुछ ही दिनों में लोगों की डिमांड आने लगी।

इसके बाद हमें दायरा बढ़ाना पड़ा। हमने तीन-चार और महिलाओं को इस काम से जोड़ा। फिर एक-एक करके ये महिलाएं ही दूसरी महिलाओं को जोड़ती गईं। आज हमारे इस वेंचर में 40 महिलाएं मिलकर काम कर रही हैं। इससे हमारा भी बिजनेस चल रहा है और उन्हें रोजगार भी मिल रहा है।

अभी पांच वैरायटी में बना रहे हैं अचार

हाफिज के मुताबिक सभी प्रोडक्ट ऑर्गेनिक तरीके से तैयार किए जाते हैं। जिन्हें स्थानीय महिलाएं ही बनाने का काम करती हैं।
हाफिज के मुताबिक सभी प्रोडक्ट ऑर्गेनिक तरीके से तैयार किए जाते हैं। जिन्हें स्थानीय महिलाएं ही बनाने का काम करती हैं।

अभी उनकी कंपनी पांच तरह के अचार बना रही है। इसमें कई फलों और सब्जियों को मिलाकर नई वैरायटी बनाई गई है। जैसे इन्होंने झींगा और पपीता को मिलाकर एक अचार तैयार किया है। दूसरा अचार अंगूर और आम को मिलाकर बनाया है, तो एक नींबू और खजूर को मिलाकर बनाया है। जबकि एक अचार मछली और आम के अचार से बना है, जिसका नाम उन्होंने जलपुष्प 2.O रखा है। ये सभी प्रोडक्ट स्थानीय महिलाएं ही तैयार करती हैं।

क्या है बिजनेस मॉडल?

हाफिज और अक्षय ने अपनी टीम को अलग-अलग यूनिट में बांट रखा है। एक टीम का काम होता है रॉ मटेरियल जुटाना, जो स्थानीय किसानों से उनके प्रोडक्ट खरीदती है। दूसरी टीम उन प्रोडक्ट्स को टीम में काम करने वाली महिलाओं तक पहुंचाती हैं। ये महिलाएं अपनी सुविधा के हिसाब से सभी सब्जियों को छीलने, काटने, फ्राई करने के बाद अचार बनाने का काम करती हैं। इसके बाद एक टीम कलेक्शन के लिए होती है, जो इन महिलाओं के घरों से अचार कलेक्ट कर मेन यूनिट में लाती हैं। यहां अचार की क्वालिटी टेस्टिंग और पैकिंग का काम होता है। इसके बाद वो प्रोडक्ट मार्केट में डिलीवरी के लिए भेजा जाता है। अभी देशभर में वे अपने प्रोडक्ट की सप्लाई कर रहे हैं। कुछ प्रोडक्ट उन्होंने सऊदी अरब भी भेजे हैं।



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