राजद चीफ को जमानत के बावजूद एम्स में ही रखा जा सकता है, कोरोना के चलते परिवार ने कहा- डॉक्टर ही करेंगे फैसला

Posted By: Himmat Jaithwar
4/30/2021

पटना। चारा घोटाले से जुड़े केस में दिसंबर 2017 में जेल भेजे गए लालू यादव आखिरकार सवा तीन साल बाद रिहा हो जाएंगे। उनकी रिहाई के ऑर्डर गुरुवार को ही दिल्ली एम्स भेज दिए गए थे, जहां उनका इलाज चल रहा है। अब एम्स को हार्ड कॉपी का इंतजार है। थोड़ी ही देर में ये भी प्रशासन को दे दी जाएगी। इसके बाद लालू रिहा हो जाएंगे।

मीसा के आवास पर तैयारियां पूरी

अभी यह तय नहीं है कि लालू रिहा होने के बाद भी एम्स में ही रहेंगे या फिर बेटी मीसा भारती के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर। एम्स में 25 जनवरी से लालू का इलाज चल रहा है। हालांकि, मीसा के आवास पर भी पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। लालू के परिवार ने बताया कि अभी राजद प्रमुख को पटना नहीं भेजा जाएगा। उनकी तबीयत लगातार खराब रही है और कोरोना की स्थिति को देखते हुए कोई जोखिम नहीं उठाया जा सकता है।

डॉक्टरों की सलाह पर ही लिया जाएगा फैसला

परिवार का कहना है कि दिल्ली में चिकित्सा व्यवस्था बेहतर है। लालू को डॉक्टर की देख-रेख में रहना है। ऐसे में दिल्ली उनके लिए बेहतर है। रिहाई के बाद लालू कहां रहेंगे, यह एम्स तय करेगा। डाक्टरों की सलाह के मुताबिक ही परिवार फैसला लेगा। डॉक्टरों की मंजूरी के बाद ही लालू को घर ले जाया जाएगा। इस स्थिति में वे मीसा के घर ही जाएंगे। हालांकि, परिवार यह भी मान रहा है कि अभी लालू का एम्स में रहना ही बेहतर है।

पटना में समर्थकों की भीड़ बढ़ने का डर

परिवारवालों को इस बात का डर है कि यदि लालू पटना आते हैं तो उनके समर्थकों की भीड़ बढ़ जाएगी। राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर हजारों की भीड़ हर रोज रहेगी। ऐसे में लोगों में संक्रमण फैलने का डर रहेगा। लालू यदि पटना रहेंगे तो पार्टी नेता और दूसरे लोग भी आवास पर आ जाएंगे। उन्हें मना नहीं किया जा सकता है।

18 अप्रैल को मिली जमानत, कोर्ट ने 2 शर्तें रखीं

लालू यादव को चारा घोटाले से जुड़े मामले में 18 अप्रैल को झारखंड हाईकोर्ट जमानत मिली है। कोर्ट ने दो शर्तें रखी हैं। पहली- जमानत के दौरान लालू हाईकोर्ट से परमिशन लिए बिना देश से बाहर नहीं जाएंगे। दूसरी- वे अपना मोबाइल नंबर और पता भी नहीं बदलेंगे।

लालू यादव को सशर्त जमानत दुमका ट्रेजरी मामले में आधी सजा पूरी होने के बाद दी गई है। इससे पहले लालू यादव को अक्टूबर 2020 में चाईबासा ट्रेजरी मामले में जमानत मिल गई थी, लेकिन दुमका ट्रेजरी केस की वजह से उनकी रिहाई नहीं हुई थी।



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