वॉट्सऐप ने प्राइवेसी पॉलिसी एक्सेप्ट करने की डेट फिलहाल टाली, जानिए कंपनी ने क्यों लिया ये फैसला और आप पर क्या होगा इसका असर

Posted By: Himmat Jaithwar
5/9/2021

वॉट्सऐप ने अपनी विवादित प्राइवेसी पॉलिसी को एक्सेप्ट करने की बाध्यता को फिलहाल टाल दिया है। कंपनी ने कहा है कि प्राइवेसी पॉलिसी को एक्सेप्ट नहीं करने पर भी यूजर्स का अकाउंट डिलीट नहीं होगा। इससे पहले वॉट्सऐप ने कहा था कि नई प्राइवेसी पॉलिसी को 15 मई तक एक्सेप्ट करना ही होगा। ऐसा नहीं करने वाले यूजर्स का वॉट्सऐप अकाउंट डिलीट हो जाएगा या फिर यूजर इसके सभी फीचर्स का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। अब कंपनी ने इसे टाल दिया है और कहा है कि यूजर्स को आने वाले समय में इस बारे में और जानकारी दी जाएगी।

विवाद की शुरुआत कहां से हुई?
पूरे मामले की शुरुआत 4 जनवरी 2021 को हुई। जब वॉट्सऐप ओपन करते ही यूजर्स को डिस्प्ले पर एक नया मैसेज मिला। इस मैसेज में वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी की जानकारी थी और ये भी कहा गया था कि इस पॉलिसी को 8 फरवरी तक एक्सेप्ट करना है, नहीं तो आप वॉट्सऐप इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। इसी के बाद सोशल मीडिया समेत तमाम जगहों पर कंपनी का विरोध शुरू हो गया। लोगों का कहना था कि ये उनकी प्राइवेसी में सेंध है और कई लोग वॉट्सऐप छोड़ सिग्नल, टेलीग्राम जैसे दूसरे मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल करने लगे। विवाद बढ़ा तो सरकार भी आगे आई। इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय ने वॉट्सऐप को नोटिस जारी कर इस पॉलिसी को वापस लेने को कहा। बढ़ते विरोध को देखते हुए वॉट्सऐप ने पॉलिसी को स्वीकार करने की आखिरी तारीख 8 फरवरी से बढ़ाकर 15 मई कर दी।

प्राइवेसी पॉलिसी में ऐसा क्या है जो इतना विवाद हुआ?
नई पॉलिसी में वॉट्सऐप ने कहा था कि वो यूजर की जानकारी फेसबुक और दूसरी कंपनियों के साथ शेयर करेगा। पॉलिसी को एक्सेप्ट करने के बाद वॉट्सऐप पर जो कंटेंट अपलोड, सबमिट, स्टोर, सेंड या रिसीव करेंगे, कंपनी उन्हें अपने किसी भी प्लेटफॉर्म और किसी भी देश में इस्तेमाल कर सकेगी। इसके पीछे वॉट्सऐप का तर्क था कि ये यूजर की सुरक्षा और सुविधा को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है, लेकिन जानकारों का कहना था कि कंपनी यूजर के डेटा को और कॉमर्शियलाईज्ड कर रही है। इस डेटा का इस्तेमाल वॉट्सऐप विज्ञापन के लिए करेगी और पैसा कमाएगी। कंपनी के पास आपकी हर जानकारी होगी जिससे वो आपकी हर गतिविधि पर नजर रखेगी।

पूरे मामले में लेटेस्ट अपडेट क्या है?
इस मामले में लेटेस्ट अपडेट यही है कि वॉट्सऐप ने पॉलिसी एक्सेप्ट करने की आखिरी तारीख 15 मई को कैंसिल कर दिया है। इसका मतलब ये नहीं है कि प्राइवेसी पॉलिसी को टाल दिया गया है। दरअसल कंपनी ने प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करने की तारीख रद्द की है। कंपनी ने ये भी कहा है कि आने वाले कुछ समय में इस संबंध में बाकी जानकारी शेयर की जाएगी।

इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी लगाई गई थी जिस पर 5 मई को सुनवाई हुई थी। इस सुनवाई में 2 जजों की बेंच ने वॉट्सऐप और फेसबुक के साथ केंद्र सरकार से भी 13 मई तक जवाब मांगा था।

आरोपों पर वॉट्सऐप ने क्या कहा था?
कंपनी पर लगे आरोपों पर वॉट्सऐप का कहना था कि ये पॉलिसी वॉट्सऐप बिजनेस इस्तेमाल करने वालों के लिए है। इनका पर्सनल यूजर के मैसेज पर कोई असर नहीं होगा। यानी जो मैसेज आप अपने परिवार और दोस्तों को करते हैं वो पहले की तरह ही सुरक्षित रहेंगे। कंपनी ने ये भी भरोसा दिलाया था कि पर्सनल अकाउंट से जो भी बातचीत होगी, वो पूरी एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होगी। यानी सेंडर और रिसीवर के अलावा वॉट्सऐप भी इन मैसेज को पढ़ नहीं पाएगा।

वॉट्सऐप ने ये फैसला क्यों लिया?
कंपनी ने इस फैसले के पीछे कोई वजह नहीं बताई है। दरअसल वॉट्सऐप जैसी किसी भी सोशल मीडिया कंपनी के लिए भारत एक बड़ा मार्केट है। फरवरी 2021 में IT मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने बताया था कि भारत में एक्टिव वॉट्सऐप यूजर्स की संख्या 53 करोड़ है। जनवरी में जब नई पॉलिसी लाई गई थी, तब काफी लोगों ने वॉट्सऐप छोड़ सिग्नल और टेलीग्राम जैसे एप्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। जैसे-जैसे इंटरनेट कनेक्टिविटी बेहतर हो रही है, वैसे-वैसे भारत में नए इंटरनेट यूजर्स की संख्या भी बढ़ती जा रही है। फिलहाल इंटरनेट डेटा इस्तेमाल करने के लिहाज से भारत दुनिया में सबसे आगे है। कंपनी के इस कदम को इन्हीं कारणों से जोड़कर देखा जा रहा है।

फिलहाल वॉट्सऐप के पास आपकी क्या-क्या जानकारी है
फिलहाल वॉट्सऐप के पास आपका मोबाइल नंबर, कॉन्टैक्ट लिस्ट, ट्रांजैक्शन की जानकारी (अगर आप वॉट्सऐप पेमेंट इस्तेमाल करते हैं तो), आपके मोबाइल के सॉफ्टवेयर से जुड़ी जानकारी, मोबाइल का मॉडल, IP एड्रेस, लोकेशन, नेटवर्क जैसी जानकारी है। वॉट्सऐप इस जानकारी को पेरेंट कंपनी फेसबुक की अन्य कंपनियों के साथ शेयर भी करता है।

यहां पेरेंट कंपनी से क्या मतलब है?
आसान भाषा में समझें तो किसी भी कंपनी का मालिकाना हक जिस कंपनी के पास होता है, वो उसकी पेरेंट कंपनी कहलाती है। 2014 में वॉट्सऐप को फेसबुक ने खरीद लिया था, इस हिसाब से फेसबुक वॉट्सऐप की पेरेंट कंपनी हुई। फेसबुक ने इंस्टाग्राम और मैसेंजर को भी बनाया है। इन सबका मालिकाना हक फेसबुक के पास ही है। अगर वॉट्सऐप आपकी जानकारी को फेसबुक के साथ शेयर कर रहा है तो फेसबुक उस जानकारी को फेसबुक से जुड़ी दूसरी कंपनियों के साथ भी शेयर कर सकता है।



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