मध्य प्रदेश: उपचुनाव की चर्चाओं के बीच सिंधिया के टि्वटर प्रोफाइल पर क्यों छिड़ी है बहस?

Posted By: Himmat Jaithwar
6/6/2020

भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में आने वाले कुछ महीनों में उपचुनाव होने वाले हैं. इसे लेकर कांग्रेस और बीजेपी ने अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है. इसी बीच मध्य प्रदेश से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल, मध्य प्रदेश में 24 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव की चर्चाओं के बीच इन दिनों ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के टि्वटर प्रोफाइल की चर्चा जोर-शोर से हो रही है. सोशल मीडिया पर उनके टि्वटर प्रोफाइल से बीजेपी (BJP) हटाने की चर्चा छिड़ी हुई है.

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि कुछ महीने पहले कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाने वाले कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कथित तौर पर अपने टि्वटर अकाउंट से BJP शब्द को हटा दिया है.  इसकी जगह उन्होंने पब्लिक सर्वेंट लिखा है. हालांकि जानकारों की मानें तो सिंधिया ने कभी भी अपनी ट्विटर प्रोफाइल में बीजेपी का ज़िक्र ही नहीं किया. उन्होंने हमेशा ख़ुद को पब्लिक सर्वेंट ही बताया है.

ऐसा पहली बार नहीं है कि सिंधिया का Twitter प्रोफाइल चर्चा में आया हो. बताया जाता है कि सिंधिया जब कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले थे, तब भी ऐसी की चर्चा थी कि उन्होंने अपनी प्रोफाइल से कांग्रेस शब्द हटा लिया है. बहरहाल, इस चर्चा पर बीजेपी या ख़ुद सिंधिया की तरफ से अभी किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई है.

22 विधायकों ने कांग्रेस छोड़ी थी
बता दें कि सिंधिया के साथ जिन 22 विधायकों ने कांग्रेस छोड़ी थी, उनमें छह कमलनाथ मंत्रिमंडल में मंत्री थे. भाजपा की सरकार के गठन के बाद शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में छह मंत्री सिंधिया समर्थक रखने की कवायद के कारण भाजपा के आतंरिक समीकरण गड़बड़ा रहे हैं. सबसे ज्यादा खींचतान बुंदेलखंड और ग्वालियर-चंबल में चल रही है. बुंदेलखंड क्षेत्र से भाजपा के दो बड़े चेहरे गोपाल भार्गव एवं भूपेन्द्र सिंह हैं. दोनों ही सागर जिले की विधानसभा सीटों से चुनकर आते हैं.

सिंधिया समर्थक गोविंद राजपूत भी सागर जिले के ही हैं
वहीं, सिंधिया समर्थक गोविंद राजपूत भी सागर जिले के ही हैं. राजपूत के मंत्री बनाए जाने के बाद सागर जिले से एक और विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है. शिवराज सिंह चौहान अपने समर्थक भूपेन्द्र सिंह को मंत्रिमंडल में लेना चाहते हैं. केन्द्रीय नेतृत्व गोपाल भार्गव की अनदेखी नहीं करना चाहता. कमलनाथ सरकार को गिराए जाने की रणनीति में भूपेन्द्र सिंह की भूमिका को भी कोई नकार नहीं पा रहा. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता जेपी धनोपिया का मानना है कि भाजपा में स्थिति बगाबत की है, इस कारण मंत्रिमंडल के गठन को टाला जा रहा है.



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