रतलाम, सत्य कभी पराजय नहीं होता, यह तब साबित हो गया जब नगर निगम के कर्मचारी बलात्कार के मामले में दोषमुक्त हुआ। निगम के भृत्य पद पर तैनात साजिद अब्बासी पिता मुन्ना खान पर पीड़ित द्वारा बलात्कार का मामला दर्ज करवाया था। इसके कुछ महीनों बाद पीड़ित के द्वारा आत्महत्या करने का आरोप भी साजिद अब्बासी पर लगा था, इस मामले की सुनवाई कर तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश बरखा दिनकर ने सभी साक्ष्य को देखते हुए साजिद अब्बासी को दोषमुक्त कर दिया। साजिद पर बलात्कार व आत्महत्या का मामला झूठा निकला। तीन साल बाद साजिद को न्यायालय द्वारा दोषमुक्त किया गया।
साजिद पिता मुन्ना खां अब्बासी आयु 33 वर्ष निवासी अरिहंत परिसर रतलाम पर पीड़िता के रिश्तेदार बाबू पिता बदरुदीन द्वारा साल 2023 में पुलिस थाना स्टेशन रोड रतलाम पर असत्य प्रकरण पंजीबद्ध करवाया गया था। न्यायाधीश तृतीय अपर सत्र बरखा दिनकर द्वारा 17 सितंबर 2025 को यह फैसला सुनाया।
साजिद पर आरोप लगे थे कि उनसे पीड़िता के साथ बलात्कार किया जब पीड़िता उसके परिचित रेशमा बाजी के यहां मेंहदी लगाने के लिए उसके घर गई थी। इसके कुछ महीनों बाद पीड़िता ने आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद साजिद अब्बासी पर बलात्कार के साथ ही आत्महत्या का भी प्रकरण दर्ज हो गया था। 17 सितंबर को आए इस फैसले ने यही साबित किया कि सच कभी पराजय नहीं होता है। साजिद अब्बासी दोषमुक्त हुआ।