रतलाम, बाजना में सड़क हादसे में घायल होने के बाद पूर्व विधायक लाहलिंग देवदा की शुक्रवार शाम इलाज के दौरान बड़ौदा के निजी अस्पताल में मृत्यु हो गई। मिली जानकारी के मुताबिक वे 5 नवंबर की शाम साढ़े छह बजे बाजना के ग्राम छावनी भाभर स्थित अपने घर के बाहर सड़क किनारे समय हादसे का शिकार हो गए। हादसे में एक बाइक चालक ने तेज गति से लापरवाही से बाइक चलाकर पीछे से टक्कर मार दी थी। इससे वे गम्भीर घायल हो गए थे। रिहाइश क्षेत्रों में तेज गति से वाहन चलाने पर लगाम लगनी चाहिए। पूर्व विधायक की उम्र 70 वर्ष थी। पूर्व विधायक लाहलिंग देवदा सैलाना विधानसभा सीट से एक बार कांग्रेस से विधायक रह चुके है। वे 5 नवम्बर की शाम घर के बाहर सड़क किनारे टहल रहे थे तभी बाजना की तरफ से एक बाइक चालक ने तेजी से बाइक चलाकर उन्हें पीछे से टक्कर मार दी थी। इससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनके चेहरे सर और शरीर के अन्य हिस्सों में चोट आई थी।
परिजन उन्हें इलाज के लिए बाजना के सरकारी अस्पताल ले गए फिर प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रतलाम रेफर किया गया इसके बाद परिजन उन्हें रतलाम के एक निजी अस्पताल ले गए थे और वहां से उन्हें बड़ौदा ले जाया गया था, जहां शुक्रवार शाम उन्होंने अंतिम सांस ली। शाम करीब 7 बजे परिजन उनकी पार्थिव देह लेकर उनके गांव पहुंचे। फिर उनका अंतिम संस्कार शनिवार को सुबह किया गया। इस दौरान बीजेपी कांग्रेस बाप सहित कई पार्टियों के नेता सहित ग्रामीण और समाजसेवी शव यात्रा में शामिल हुए। पूर्व विधायक की शव यात्रा में भारी भीड़ देखने को मिली। सामाजिक संगठन एवं कर्मचारी संगठन भाजपा कांग्रेस जयस सहित अनेक नेताओं द्वारा श्रद्धांजलि दी गई। वहीं उनकी पत्नी द्वारा धार्मिक रस्म पूरी की गई। मुखाग्नि पुत्र मानसिंह एवं मुन्ना देवदा ने दी
कांग्रेस ने 1993 के विधानसभा चुनाव में सैलाना विधानसभा सीट से वरिष्ठ नेता व तत्कालीन विधायक प्रभुदयाल गेहलोत का टिकट काटकर युवा नेता लाहलिंग देवदा को टिकट दिया था। टिकट कटने से नाराज प्रभुदयाल गेहलोत निर्दलीय चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में लाहलिंग देवदा ने निकटतम प्रतिद्वंदी जनता दल के भेरूसिंह डामर को हराकर जीत हासिल की थी और प्रभुदयाल गेहलोत चौथे नंबर पर थे। कांग्रेस ने 1998 के चुनाव में लाहलिंग देवदा को वापस पार्टी का उम्मीदवार बनाया था। इस चुनाव में भी प्रभुदयाल गेहलोत निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे तथा प्रभुदयाल गेहलोत ने निकटतम उम्मीदवार जनता दल के प्रत्याशी भेरूसिंह डामर को पराजित कर जीत हासिल की थी। कांग्रेस प्रत्याशी लाहलिंग देवदा तीसरे नम्बर पर रहे थे। लाहलिंग देवदा बाद में 1999 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीपसिंह भूरिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए थे तथा कुछ समय बाद लाहलिंग देवदा भाजपा छोड़कर वापस कांग्रेस में आ गए थे।