अमेरिका के टाइम्स स्क्वॉयर पर गूंजे 'बायकॉट चाइना' के नारे, ड्रैगन की आक्रामकता के खिलाफ प्रदर्शन

Posted By: Himmat Jaithwar
7/4/2020

भारत के गांवों के चौराहों से लेकर अमेरिका के टाइम्स स्क्वायर तक इन दिनों एक ही आवाज है- बॉयकॉट चाइना। चीन की आक्रामकता के खिलाफ न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में भारतीय अमेरिकी, तिबत्ती और ताइवानी अमेरिकी नागरिकों ने चीन के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों के हाथों में 'बॉयकॉट चाइना' और 'चाइनीज बदमाशी रोको' जैसे नारे लिखे हुए तख्तियां थीं।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि तीन T से चीन को हराने में मदद मिल सकती है। पहला यह कि चीन के साथ ट्रेड खत्म कर दिया जाए और चीनी सामानों का बहिष्कार किया जाए, दूसरा तिब्बत की पूर्ण स्वतंत्रता और ताइवान को पूरा सपॉर्ट। अमेरिकन इंडिया पब्लिक अफेयर्स कमिटी के प्रेजिडेंट जगदीश सेवहानी नग्न आक्रमकता के लिए चीन पर बरसे। 

सेवहानी ने एएनआई से बात करते हुए कहा, ''जब दुनिया पिछले छह महीने से कोरोना वायरस महामारी से लड़ रही है, पड़ोसियों और भारत के खिलाफ चीन की नग्न आक्रामकता स्वीकार्य नहीं है। चीन दुनिया पर दादागिरी जमाना चाहता है। चीन अमेरिका और भारत को बर्बाद करना चाहता है। लेकिन इस बार उन्हें आक्रामकता की बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।''

उन्होंने कहा, ''अब देखिए चीन अपने ही देश में क्या कर रहा है। वे हांगकांग को दबा रहे हैं। उन्होंने तिब्बत में नरसंहार किया और देखिए उन्होंने मुसलमानों के साथ क्या किया। मानवाधिकारों का सबसे खराब हनन चीन में ही हुआ।'' चीन के खिलाफ यह प्रदर्शन गलवान हिंसक झड़प के कुछ दिनों बाद हुआ है। 15 जून को पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए और 76 घायल हो गए। 

गलवान झड़प के बाद से चीन के खिलाफ अमेरिका के कई शहरों में प्रदर्शन हो चुके हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि राजनीतिक शरण लेकर रह रहे तिब्बती और ताइवान के कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में शामिल हुए। निर्वासित तिब्बती संसद के सदस्य दोर्जी सेतेन ने कहा कि तिब्बत के लोग भारतीय भूमि में चीनी घुसपैठ का जोरदार विरोध करते हैं।



Log In Your Account