मुठभेड़ में शामिल सिपाही की आंखों देखी; ‘हम विकास दुबे के घर की घेराबंदी कर रहे थे, एकाएक पुलिस टीम पर रोशनी पड़ी और बरसने लगीं गोलियां’

Posted By: Himmat Jaithwar
7/8/2020

बुलंदशहर. उत्तर प्रदेश में कानपुर के बिकरु गांव में 2 जुलाई को विकास और उसकी गैंग से मुठभेड़ करने वाली पुलिस टीम में बुलंदशहर के रहने वाले सिपाही अजय कश्यप भी शामिल थे। वे बदमाशों की गाेलीबारी में जख्मी हुए हैं। अजय बिठूर थाने में तैनात हैं। मूलत: डिबाई कस्बे के रहने वाले हैं। स्वस्थ होने पर अजय अस्पताल से डिस्चार्ज होकर अपने घर पहुंचे। अजय ने उस रात के पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठाया है। अजय कहते हैं कि वह रात किसी अमावस की रात से कम नहीं थी।

एक टॉर्च की रोशनी पड़ते ही गोलियों की बौछार शुरू हो गई

‘‘गुरुवार रात करीब 12:15 बजे सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र की अगुवाई में तीन थाने चौबेपुर, बिठूर और शिवराजपुर की पुलिस गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने के लिए निकली थी। पुलिस ने अपने वाहन गांव से बाहर खड़े कर दिए और पैदल ही विकास के घर की तरफ निकल पड़े। विकास के घर से करीब 200 मीटर दूर रास्ते में एक जेसीबी मशीन खड़ी मिली। पुलिस जेसीबी को क्रॉस कर आगे बढ़ी। सड़क से पुलिस ने जैसे ही विकास की छत पर टाॅर्च मारी तो वहां एक आदमी दिखाई दिया। पुलिस विकास के घर की बैक साइड से घेराबंदी करना चाहती थी। पुलिस घर की बैक साइड जाने के लिए कोने पर पहुंची ही थी तभी एक टॉर्च की रोशनी पुलिस टीम पर पड़ी और गोलियों को बौछार शुरू हो गई।’’

बचने की खुशी नहीं, साथियों की शहादत का रंज
‘‘पहली बार में ही बदमाशों ने 20-22 राउंड फायरिंग पुलिस पर की। सबसे पहले मेरे एक हाथ में गोली लगी, फिर पैरों में गोली लगी। जिससे मैं घायल हुआ। साथ में रहा सिपाही अजय सेंगर भी घायल हुआ था। इसके बाद मैंने एक दीवार और ट्राॅली की आड़ ली और एक छतिग्रस्त मकान से होते हुए गली में पहुंच गया। तीन तरफ से घरों की छतों से बदमाश फायर कर रहे थे। जबकि पुलिस टीम को टारगेट दिखाई नहीं दे रहे थे। बदमाश बार-बार अपनी जगह भी बदल रहे थे। इसके बाद गली से होते हुए घायल पुलिसवाले किसी तरह अपनी जान बचाते हुए जीप तक पहुंचे। वहां से सीनियर अफसरों ने घायलों को अस्पताल भिजवाया। अजय ने बताया कि उसको अपने बचने की इतनी खुशी नहीं है जितना रंज अपने साथियों की शहादत का है। ’’

सिर्फ विकास के घर के बाहर सोलर लाइट जल रही थी
पुलिस जांच में सामने आया कि दबिश के दौरान गांव में बिजली नहीं आ रही थी। पूरे गांव में अंधेरा छाया था। सिर्फ एक सोलर लाइट विकास के घर के बाहर जल रही थी। इसकी वजह से पुलिसवालों को छतों पर छिपे बदमाशों का मूवमेंट नहीं दिख रहा था।

विकास ने एक व्यक्ति की जमीन पर कब्जा किया था
कानपुर जिले के चौबेपुर इलाके के राहुल तिवारी के ससुर लल्लन शुक्ला की जमीन पर विकास ने जबरन कब्जा कर लिया था। राहुल ने कोर्ट में विकास के खिलाफ केस दर्ज कराया। 1 जुलाई को विकास ने साथियों की मदद से राहुल को अगवा कर लिया और बंधक बनाकर पीटा। जान से मारने की धमकी भी दी। राहुल ने थाने में इसकी शिकायत की थी। 

विकास ने थाना प्रभारी के साथ भी हाथापाई की थी
पूछताछ के लिए थानाध्यक्ष आरोपी विकास के घर पहुंचे। यहां विकास ने उनके साथ हाथापाई की। इसके बाद थानाध्यक्ष ने राहुल की शिकायत पर ध्यान नहीं दिया और खुद के साथ हुई बदसलूकी की चर्चा भी किसी से नहीं की। बाद में अधिकारियों के आदेश पर चौबेपुर थाने में विकास पर केस दर्ज हो गया। गुरुवार देर रात पुलिस उसके घर दबिश देने पहुंची थी। यहां सीओ, 3 एसआई, 4 कॉन्स्टेबल शहीद हो गए। इनके अलावा, 2 गांववाले, 1 होमगार्ड और 4 पुलिसवाले घायल हो गए थे।



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