आखिरकार लंबा इंतजार खत्म हुआ और विद्यार्थियों के संघर्ष का उन्हें सुखद परिणाम भी मिल गया। किसी ने परीक्षा के दौरान अपने पिता को खोकर भी शत प्रतिशत अंक पाया। उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी। किसी ने अपनी सुख सुविधाओं को त्यागकर कड़ी मेहनत से सफलता हासिल की।
शिक्षा के इन सितारों ने परीक्षा परिणाम के बाद कहा कि यह सब उनकी सफलता के राह का एक सुखद पड़ाव है, इस परिणाम को अपने लिए एक प्रेरणा मानकर लक्ष्य को पूरा करेंगे। सोनीपत में 89 सीबीएसई से संबंधित स्कूल है, जिसमें करीब 93सौ विद्यार्थियों ने परीक्षा दी, जिसमें से इस बार 8950 विद्यार्थियों ने परीक्षा उर्त्तीण करने में कामयाबी हासिल की। पिछले बार 8570 विद्यार्थियों ने जहां परीक्षा दी थी, जिसमें 8430 विद्यार्थियों ने परीक्षा उर्त्तीण की थी।
पेपर से पहले पिता का निधन, उसमें आए शत प्रतिशत नंबर
ऋर्षिकुल विद्यापीठ की छात्रा सुहाना के पिता प्रदीप कुमार का अंग्रेजी के पेपर से एक दिन पहले निधन हो गया, घर में हालात विपरित थे, फिर भी सुहाना ने पेपर दिया और, ऐसा पेपर दिया कि 100 में से सौ अंक लाकर अपने पिता को सच्ची श्रद्धांजलि दी।
प्रियंका- कॉमर्स 98.4%: अर्थशास्त्री बनने की चाह
हिंदू विद्यापीठ की प्रियंका गोयल के पिता शिव कुमार गोयल बिजनेसमैन है। उसे अर्थशास्त्र में लगाव है। दादा बुधराज गोयल की प्रेरणा से अब भारतीय इकनोमिक सर्विस में टॉप करने के लक्ष्य को लेकर मेहनत शुरू भी कर दी है। अर्थशास्त्री बनने का लक्ष्य है।
जिला टापर बोली- सफलता के लिए तनाव मुक्त रहना जरूरी
कॉमर्स संकाय में सत्यानंद पब्लिक स्कूल की छात्रा लक्ष्मी नगर निवासी अंशुल गर्ग ने 500 में 496 अंक लेकर जिला में टॉप किया है। उसका कहना है कि सफलता पके लिए तनावमुक्त रहना अनिवार्य है। परीक्षा के दौरान तनावमुक्त रहने के लिए ड्राइंग की।
कुमुद- साइंस 98.2%: टीवी से दूरी, खुद पर भरोसा
साउथ प्वाइंट स्कूल की छात्रा कुमुद ने 12वीं में लक्ष्य बना लिया था, टॉप करना है, इसके लिए क्वार्टरली मेहनत की, टीवी से दूरी बनाई और स्कूल टीचर के मार्गदर्शन के साथ खुद मेहनत की। स्कूल सिलेबस के बाद हर दिन दो घंटे अतिरिक्त मेहनत की। बायोलॉजी में 100, अंग्रेजी 99 व कैमिस्ट्री में 98 अंक हासिल किए। अब वैज्ञानिक बनने का लक्ष्य है।