जीतू पटवारी बोले - आपके पास कोई मास्टर प्लान नहीं है और डंडा लेकर गरीबों को पीट रहे हो, इस अन्याय के खिलाफ कांग्रेस लामबंद होगी

Posted By: Himmat Jaithwar
7/24/2020

पिपलियहाना चौराहे पर ठेला पलटने की घटना के बाद शहर की राजनीतिक गरमा गई है। भाजपा नेताओं के साथ ही कांग्रेस ने भी इस घटना का विरोध किया है। शुक्रवार सुबह पूर्व मंत्री और विधायक जीतू पटवारी ठेले पर अंडे की दुकान लगाने वाले बच्चे से मिलने पहुंचे। जीतू पटवारी ने बच्चे पारस रायकवार से मिलकर हर संभव मदद का आश्वासन दिया। वहीं, कांग्रेस शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने भी बच्चे की आर्थिक मदद की। पटवारी ने कहा कि शासन-प्रशासन के पास कोई मास्टर प्लान नहीं है और बस डंडे के दम पर कोरोना को भगाने की बात कर रहे हैं। प्रशासन बस डंडा लेकर गरीबों को पीट रहा है, इस अन्याय के खिलाफ कांग्रेस लामबंद होगी।

कांग्रेस शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने भी बच्चे की आर्थिक मदद की।

पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि विषय है बच्चे का.. ठेले का... और गरीब का... प्रशासन किसके लिए है। प्रशासन उस आम आदमी के लिए है, जिसके पास ताकत नहीं है। नगर निगम के कर्मचारी राेज रुपए लेकर ठेले वाले, रेहड़ी वाले और गरीबों को परेशान कर रहे हैं। जबकि प्रशासन को इनकी सहायता, आर्थिक मदद करनी चाहिए, लेकिन वो नहीं कर रहे हैं, ऊपर से प्रताड़ित अलग कर रहे हैं। एक आदमी जिसके पास घर नहीं हैं, श्मशान में सोता है, ठेला लगाकर परिवार का पेट पालता है, ऐसे हजारों लोग हैं, उनके लिए क्या प्रोग्राम है।

पटवारी बोले -  अब तक के लॉकडाउन फेल रहे

पटवारी ने कहा कि आप लाॅकडाउन की ओर फिर से जा रहे हैं, पहले जिनते लॉकडाउन किए सब फेल हुए, आपने आज तक जितने प्रयास किए सब असफल रहे। कांग्रेस पार्टी हर समय आपके साथ खड़ी है, और आगे भी खड़ी रहेगी, लेकिन इस महामारी से निपटने के लिए आपको कोई मास्टर प्लान तो बनाना पड़ेगा। हमें किसी प्रकार से इस जीवन को चलाकर इस कोरोना से लड़ना है। इसके लिए आपकी क्या नीति है। प्रशासन दिशाहीन दिख रहा है। कलेक्टर डंडा लेकर घूमते फिर रहे हैं, पूरे प्रशासन को भी घुमा रहे हैं। सांसद घोड़ी पर चढ़कर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी इसके खिलाफ लामबंद होगी।

चौराहे पर ठेला से सारे अंडे फूट गए थे।

सरकार इनके खाने की व्यवस्था करे, फिर ठेले बंद करवाए

पटवारी ने कहा कि जो रोज कमाते हैं और रोज खाते हैं, क्या सरकार इन्हें आर्थिक मदद देगी। यदि वे ऐसा कर रहे हैं तो इनका काम बंद कर देना चाहिए। यदि लोगों को खाने की व्यवस्था नहीं दोगे और सख्ती से बंद करोगे तो यह अन्याय है। शहर में कई जगह पर बड़े-बड़े मैदान हैं। वहां पर इन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ठेले लगाने दें तो इनकी रोजी-रोटी चले। यदि आप राशन रोकोगे और लोगों को कहोगे कि कोरोना से बचो तो कैसे होगा। आपके पास कोई मास्टर प्लान नहीं है और डंडा लेकर गरीबों को पीट रहे हो। भाजपा की रैली हो रही है, लेकिन वहां प्रशासन को नहीं दिख रहा है। जितने गरीब हैं पार्टी सभी की मदद करेगी। व्यापारी, ठेले, रेहड़ी वाले से बात करनी होगी।  

यह है मामला

पिपलियहाना चौराहे पर एक बच्चा परिवार के साथ अंडे का ठेला लगाकर रोजी-रोटी कमा रहा था। बच्चे ने बताया कि वह सुबह से ठेला लगाए हुए था। निगम की टीम गाड़ी लेकर आई ओर कहा कि यहां से ठेला हटा लें, नहीं तो जब्त कर लेंगे। वे 100 रुपए मांग रहे थे, नहीं देने पर वे भागे और ठेला पलटा गया। इससे मेरे सारे अंडे फूट गए। धंधा नहीं हो रहा है, ऊपर से इतना नुकसान कर दिया। बच्चा और परिजन निगमकर्मियों को कोसते रहे। मामला सामने आने के बाद दोनों की दलों ने नेताओं ने विरोध दर्ज करवाया। निगमायुक्त ने मामले में जांच बैठा दी है। 



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