कमलनाथ ने कहा- हमने साहूकारी व्यवस्था को खत्म कर, आदिवासियों को 10 हजार तक का कर्ज दिलाए जाने की व्यवस्था

Posted By: Himmat Jaithwar
8/10/2020

पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि हमारी 15 महीने की सरकार में आदिवासियों के हित में कई फैसले लिए गए जो पिछले 15 साल रही सरकार नहीं ले पाई। आदिवासी भाइयों को साहूकारी चंगुल से मुक्त कराए जाने के लिए इस व्यवस्था को खत्म किया। नाथ ने रविवार को विश्व आदिवासी दिवस पर टेली कान्फ्रेंसिंग के जरिए आदिवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे सामने एक चुनौती है कि किस तरह हम हमारे आदिवासी भाइयों को आगे लाएं उनके जीवन में परिवर्तन आए।

नाथ ने कहा कि मेरी सरकार ने कोशिश की हमारे आदिवासी समाज की जो गहरी से गहरी सांस्कृतिक धाराएं हैं उनको मैं संरक्षित करूं । इसीलिए हमारी सरकार ने 9 अगस्त को शासकीय छुट्टी की घोषणा की और आस्ठान योजना को सामने लाए । हमने पहली बार 2020 को आदिवासी कला वर्ष के रूप में घोषित किया तथा पहली बार गोंडी भाषा को पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया। हम आदिवासी समाज के लिए काम करने वाले बुद्धिजीवियों के माध्यम से गोंडी भाषा के शब्दकोश को सामने लाए। हमने साहूकारी प्रथा को समाप्त किया और सरकार की तरफ से व्यवस्था की कि आकस्मिक ऋण की जरूरत जिन आदिवासियों को पड़ती है, उन्हें 10 हजार तक का ऋण सरकार की ओर से प्राप्त हो सके।

कमलनाथ ने दिवंगत आदिवासी नेता मनमोहन शाह बट्टी को श्रृद्धांजलि अर्पित की और दुख व्यक्त किया कि सरकार ने अंतिम संस्कार के लिए उनके पार्थिव शरीर को गांव ले जाने की अनुमति नहीं दी। वे बड़े सामाजिक कार्यकर्ता थे, उनका अंतिम संस्कार आदिवासी विधि विधान से होता तो परिजनों और उनके अनुयायियों को सांत्वना होती।



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