सपना काे प्रेसीडेंट अवाॅर्ड, स्टूडेंट्स काे रिसर्च के लिए प्रेरित करने स्कूल में बनाया इनोवेशन कॉर्नर, शुरू किया साइंस क्लब

Posted By: Himmat Jaithwar
8/25/2020

शिक्षक दिवस पर 5 सितंबर काे देशभर के सलेक्टेड 47 शिक्षकाें काे दिल्ली में राष्ट्रपति के हाथाें राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान से नवाजा जाएगा। लिली चौक में रहने वाली सपना सोनी राज्य की इकलौती टीचर है जिसे शिक्षा मंत्रालय की ओर से इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। वे शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला जेवरा सिरसा में फिजिक्स की लेक्चरर हैं। इनाेवेटिव अंदाज में पढ़ाने के साथ ही वे बच्चाें काे नेशनल काॅम्पिटीशन में हिस्सा लेने और रिसर्च करने के लिए भी प्रेरित कर रही हैं। उन्हाेंने अपने स्कूल में 2012 में अंतरिक्ष विज्ञान क्लब की शुरुआत की और स्टूडेंट्स काे साइंस की फील्ड में हाेने वाले काॅम्पिटीशन में हिस्सा लेने प्रेरित करने लगी। उनकी इस पहल का ही परिणाम है कि स्कूल के स्टूडेंट्स नेशनल के लगभग 30 काॅम्पिटीशन जीत चुके हैं। राज्य में हाेने वाली प्रतियाेगिता में भी पिछले तीन साल से लगातार प्राइज जीत रहे हैं। वर्तमान में इस क्लब में 200 से ज्यादा स्टूडेंट्स है। यही नहीं, उन्हाेंने स्कूल में इनाेवेटिव साइंस काॅर्नर भी बनाया है, जहां साइंस माॅडल बनाने की प्राेसेस डिस्प्ले की गई है। 800 स्क्वेयर फीट में डेवलप किए गए इस काॅर्नर में 40 साइंस माॅडल हैं। माॅडल देखकर साइंस की थ्याेरी समझने के साथ ही बच्चे यहां माॅडल बनाने की प्रैक्टिस भी करते हैं। एनआईटी जैसे संस्थानाें में स्टूडेंट्स काे रिसर्च के लिए प्रेरित करने के मकसद से बनाए जाने वाले मेकर स्पेस की तर्ज पर सपना ने ये साइंस काॅर्नर डेवलप करवाया है। सपना के पति दिनेश कुमार सोनी बीएसपी में सीनियर आपरेटर हैं। रायपुर के लिली चाैक में सपना का ससुराल है।

छह साल पहले जनसहयाेग से बनवाया स्मार्ट क्लास रूम
फिलहाल राज्य के कई जिलाें में स्कूलाें में स्मार्ट क्लासरूम बनाने की कवायद चल रही है, लेकिन सपना ने छह साल पहले ही इसकी जरूरत काे भांप लिया था। साल 2014 में उन्हाेंने जनसहयोग से शासकीय स्कूल में स्मार्ट क्लास की शुरुआत की। इसके तहत उन्हाेंने क्लास में प्राेजेक्टर, साउंड सिस्टम और कंप्यूटर लगवाया। स्मार्ट क्लास में ऑडियाे-वीडियाे की मदद से पढ़ाई करने में बच्चे काफी इंट्रेस्ट लेने लगे। इससे स्कूल का रिजल्ट भी सुधरा। अब उनके स्कूल में 7 स्मार्ट क्लासरूम हैं।

पिछले साल बनवाई वेबसाइट
लाॅकडाउन की वजह से ज्यादातर स्कूल अब इंटरनेट की मदद से बच्चाें काे पढ़ा रहे हैं। सपना ने पिछले साल ही इसकी जरूरत महसूस कर ली थी। उन्हाेंने सरकारी स्कूल की वेबसाइट ghssjeorasirsadurg.in बनवाई है। इस वेबसाइट पर 10वीं-12वीं बाेर्ड के स्टूडेंट्स के लिए वीडियाे कंटेंट बनाकर अपलाेड किए हैं। स्टडी मटेरियल और सैंपल क्वेश्चन पेपर भी अपलेाड किए हैं।

बना चुकी हैं 120 वीडियाे
लाॅकडाउन के बाद से ज्यादातर टीचर बच्चाें काे एप की मदद से लाइव पढ़ा रहे हैं या वीडियाे बनाकर बच्चाें काे भेज रहे हैं। सपना ये काम पिछले दाे सालाें से कर रही हैं। वे अब तक 120 वीडियाे बना चुकी हैं। उन्हाेंने बताया, मैंने महसूस किया कि कुछ टाॅपिक वीडियाे की मदद से पढ़ाने से बच्चे बेहतर समझ पाएंगे, इसलिए वीडियाे बनाने की शुरुआत की। इसका अच्छा रिजल्ट मिला ताे वीडियाे बनाने लगी।



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