7 लाख को पीछे छोड़ चयनित, एक दिन ज्यादा उम्र के कारण पायलट बनने से चूके, फ्लाइंग ऑफिसर बनेंगे

Posted By: Himmat Jaithwar
8/31/2020

इंदौर।  इंदौर में रहकर इंजीनियरिंग करने वाले युवा राहुल सिंह परमार ने एयरफोर्स काॅमन एडमिशन टेस्ट (एएफसीएटी) में सफलता हासिल की है। प्रदेश से चयनित तीन प्रतिभागियों में वे एक हैं। ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद रवाना होने से पहले राहुल ने बताया डेढ़ साल की ट्रेनिंग होगी। इसके बाद वायुसेना में तकनीकी विभाग में फ्लाइंग आॅफिसर के रूप में पदस्थ होंगे। उनके पास विमानों के रखरखाव का जिम्मा होगा, जिसमें राफेल सहित अन्य महत्वपूर्ण विमान भी शामिल होंगे।
मूल रूप से राजगढ़ (ब्यावरा) जिले के रामगंज गांव में रहने वाले राहुल बताते हैं, गांव की आबादी साढ़े चार सौ है। गांव में वे अकेले युवा हैं, जिसकी इस उम्र में भी शादी नहीं हुई। रामगंज मूलरूप से खेतीहरों का इलाका है इसलिए कम पढ़ाई और जल्दी शादी आम बात है। छठी से सपना था कि पायलट बनना है। चयन हो भी जाता लेकिन पायलट के लिए तय उम्र से एक दिन बड़े निकले। इसलिए चयन एयरोनाॅटिकल इंजीनियरिंग की मैकेनिकल स्ट्रीम में हुआ। हैदराबाद के अलावा बेंगलुरू में भी ट्रेनिंग होगी।

चार साल की उम्र में सगाई, एयरफोर्स में जाने के लिए अविवाहित जरूरी, शादी नहीं की

राहुल की चार साल की उम्र में सगाई हो गई थी। एयरफोर्स में चयन के लिए अविवाहित होना जरूरी है, इसलिए राहुल ने शादी नहीं की। दो बार सीडीएस और तीन बार एएफकेट के माध्यम से पांच बार एसएसबी इंटरव्यू तक पहुंचे। छठी बार में सफलता मिली। पांच दिन तक चले इंटरव्यू में सायकोलाॅजिकल, ग्राउंड टास्क और साक्षात्कार के बाद अंतिम चयन हुआ।

सात लाख प्रतिभागियों में 200 का होता है चयन
राहुल को ट्रेनिंग देने वाले रिटायर्ड कर्नल निखिल दीवानीजी ने कहा एएफकेट के माध्मय से वायुसेना अपने पायलट, मेंटेनेंस और एडमिनिस्ट्रेशन के अफसरों को चुनती है। राहुल मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र हैं, इसलिए उन्हें विमानों के रखरखाव की जिम्मेदारी मिलेगी। मेरिट में आने के कारण उम्मीद है राफेल का मेंटेनेंस दिया जाएगा।



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