कमलनाथ ने शिवराज को चुनौती दी; कहा- आमने-सामने बैठ जाएं, 26 लाख किसानों के नाम और कर्जमाफी की राशि का रिकॉर्ड देने को तैयार हूं

Posted By: Himmat Jaithwar
9/20/2020

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को ग्वालियर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश को लेकर किसी निवेशक को विश्वास नहीं है, क्योंकि भाजपा सरकार में प्रदेश की पहचान माफिया से थी, मिलावट से थी, भ्रष्टाचार से थी। मुझ पर आज तक कोई उंगली नहीं उठा सका, मेरा राजनीतिक जीवन बेदाग है। हमने 26 लाख किसानों का कर्ज माफ किया। मैं शिवराज को चुनौती देता हूं कि आमने-सामने बैठ जाएं। मैं आपको 26 लाख किसानों के नाम, उनके गांव का नाम, माफ कर्ज की राशि का रिकॉर्ड देने को तैयार हूं।

कमलनाथ ने कहा कि मुझे इस बात का दुख है कि आज से 50 वर्ष पहले प्रदेश की पहचान ग्वालियर से होती थी। कोई इंदौर-भोपाल-जबलपुर की बात नहीं करता था। कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिए बगैर कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ग्वालियर-चंबल उपेक्षित क्यों रहा? बुनियादी सुविधाएं तक ग्वालियर को नहीं मिलीं? चाहे ग्वालियर की सड़कों की बात करें, फ्लाईओवर की बात करें, ग्वालियर क्यों उपेक्षित रहा? इसका जिम्मेदार कौन?

शिवराज के झूठ की राजनीति बहुत हुई: कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा- 'शिवराजजी झूठ की राजनीति बहुत हो गई, अब यह चलने वाली नहीं है। मोदीजी के 20 लाख करोड़ में से किसी को 20 रुपए भी मिले क्या? ये मेरी सरकार में कोरोना को डरोना बताते थे, मुझे ज्योतिष बताते थे। आज सबसे कम टेस्टिंग मध्यप्रदेश में हो रही हैं। आज स्थिति कितनी भयावह है। जो कह रहे है कि उन्हें सीएम नहीं बनाया तो यह सभी जानते है कि विधायकों ने किसे अपना नेता चुना और किसे मात्र 18 वोट मिले? कौन सौदागर है, किसने सौदा किया, यह भी सभी जानते हैं? '

हमने वोट से सरकार बनाई, उन्होंने नोट से
कमलनाथ ने कहा कि 'बाबा साहेब ने कभी सोचा नहीं होगा कि इस प्रकार की राजनीति अपने देश में होगी। सांसद-विधायक के निधन पर उपचुनाव का प्रावधान तो किया लेकिन सौदा हो जाएगा, बोली लग जाएगी और उपचुनाव होंगे, यह भी भाजपा करेगी? आज भाजपा ने संविधान और प्रजातंत्र को ही दांव पर लगा दिया। मैं जनता से अपील करता हूं कि वो संविधान की रक्षा करें, अपने भविष्य की रक्षा करें।'

भाजपा की हिम्मत कैसे हुई 15 महीने का हिसाब मांगने की
कमलनाथ ने कहा कि चुनाव प्रदेश के साथ ही ग्वालियर-चंबल के भविष्य का चुनाव भी, मेरा प्रयास रहेगा कि हम ग्वालियर-चंबल में विकास कार्य में एक नया इतिहास बनाएं। आप जानते हैं कि मालनपुर को लेकर कितनी बड़ी-बड़ी बातें हुईं, आज क्या हाल है? जितने उद्योग लगे नहीं, उतने बंद हो गए। मालनपुर को लेकर कितनी घोषणा हुई थीं, यह तस्वीर आपके सामने हैं। हमने अपनी 15 महीने की सरकार में अपनी नीति और नियत का परिचय दिया। मुझे शिवराज और भाजपा से सर्टिफिकेट नहीं चाहिए, जनता इसकी गवाह है। भाजपा में हिम्मत कैसे हुई जो मुझसे 15 माह का हिसाब मांगते हैं, आज तक अपना 15 साल का हिसाब नहीं दे रहे हैं, पहले अपना हिसाब दें।

ग्वालियर-चंबल में कितनी घोषणाएं हुईं, लेकिन विकास जीरो: पूर्व सीएम
आज शिवराजजी नारियल अपनी जेब में लेकर चलते हैं, जहां मौका मिलता हैं फोड़ देते हैं, घोषणा करने लग जाते हैं, कितनी घोषणाएं शिवराजजी ने की 15 साल में, ग्वालियर-चंबल में कितनी घोषणाएं की, कितनी आज तक पूरी हुई, इसकी सच्चाई जनता जानती है। हमारे कृषि क्षेत्र की आज क्या हालत है? मैं पूछना चाहता हूं कि कृषि उत्पादन बढ़ा, क्या उसके अनुपात में मंडियां बढ़ीं, ख़रीदी बढ़ी?

'लाखों-करोड़ों के निवेश के वादे किए गए, लेकिन हुआ कुछ नहीं'
शिवराज सरकार में प्रदेश किसानों की आत्महत्या में नं. 1, बेरोजगारी में नंबर वन, महिलाओं से अत्याचार में नं वन। आपने कभी गुजरात-केरल-तमिलनाडु का मजदूर देखा, मध्य प्रदेश सबसे ज्यादा मजदूरों के उत्पादन वाला प्रदेश बना डाला। प्रदेश में निवेश तब आता है जब विश्वास का माहौल हो। कितनी इन्वेस्टर्स समिट हुई, लाखों करोड़ों के निवेश के वादे किए गए, दावे किए गए, कहां गया निवेश?



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