नीतीश ने कहा लखनऊ-गाजीपुर 8 लेन सड़क बक्सर तक बढ़ा दीजिए, मोदी का जवाब - टुकड़ों में सोचने की आदत से देश का नुकसान

Posted By: Himmat Jaithwar
9/22/2020

पटना। चुनावी मौसम में केंद्र की तरफ से बिहार पर तोहफों की बारिश हो रही है। हो भी क्यों न, मौका भी है और दस्तूर भी। लेकिन सोमवार को कुछ ऐसा हुआ जिससे तोहफे के बीच में सियासी कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है। बात बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक आग्रह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब की है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से की मांग
सोमवार को 9 नए राजमार्गों और गांवों में फास्ट स्पीड इंटरनेट के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपना संबोधन दे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि-'लखनऊ से गाजीपुर तक आई 8 लेन सड़क को बक्सर से जोड़ दिया जाए। ये मेरी प्रधानमंत्री से प्रार्थना है। इसे कर देने से बिहार को काफी फायदा हो जाएगा। गाजीपुर से बक्सर की दूरी सिर्फ 17-18 किमी ही है।'

पीएम मोदी का जवाब
सीएम नीतीश के बाद प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन शुरू हुआ। उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने कनेक्टिविटी पर बोलना शुरू किया। जाहिर है कि बात सड़कों और इंटरनेट की थी तो कनेक्टिविटी का जिक्र होना ही था। अपने इस वर्चुअल भाषण में पीएम ने एक बात कही। उन्होंने बोला- 'कनेक्टिविटी एक ऐसा विषय है जिसे टुकड़ों में सोचने के बजाए संपूर्णता में सोचना होगा। एक पुल यहां बन गया, एक सड़क वहां बन गई, एक रेल रूट उधर बना दिया, एक रेलवे स्टेशन वहां बना दिया। इस तरह की एप्रोच से देश का बहुत बड़ा नुकसान है।'

इस जवाब से सियासी गलियारे में ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि टुकड़ों में सोच यानि सिर्फ बिहार को जोड़ने की सीएम नीतीश की बात का जवाब पीएम मोदी ने दिया है। RJD के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की बातों में विरोधाभास है। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी के मुताबिक- 'जब भी नीतीश ने मोदी से कुछ मांग की तो पीएम ने इधर-उधर की बात कर उसे अनसुना कर दिया जाए। खुद पीएम मोदी ही नहीं चाहते कि किसी बात का क्रेडिट नीतीश को मिले। इसी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश की पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी वाली मांग ठुकराई थी। पीएम 2012 में थाली खींचने वाली बात नहीं भूले हैं।'

पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय यूनिवर्सिटी बनाने का आग्रह किया था नीतीश ने
अक्टूबर 2017 में पटना विश्वविद्यालय के 100 साल पूरे होने पर आयोजित समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पीयू को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की मांग की थी। छात्रों ने तालियों से साथ दिया तो घोषणा के लिए माहौल भी तैयार हो गया था, लेकिन पीएम मोदी इस मांग को पुराना बताते हुए 'बड़ा ऑफर' दे गए। उन्होंने कहा कि देश की 20 सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटी की लिस्ट बनाई जाएगी जिन्हें 10 हजार करोड़ रुपए फंड देने की योजना है।

उस वक्त विपक्ष ने नीतीश को निशाने पर लेते हुए कहा था कि पीएम मोदी ने जानबूझकर नीतीश कुमार की मांग ही अनसुनी कर दी। अब इस मुद्दे पर भी विपक्ष ने नीतीश को घेर लिया है। देखना है कि चुनावी माहौल में JDU कैसे और किस तरह से जवाब देती है।



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