भाजपा में 3 सीटों पर पेंच, सभी उम्मीदवारों के ऐलान को लेकर फिर मंथन शुरू; आज दोपहर बाद स्थिति साफ होगी

Posted By: Himmat Jaithwar
10/4/2020

मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। इसी सप्ताह के अंत में 9 अक्टूबर से नामांकन दाखिल करने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। लेकिन भाजपा अब तक आधिकारिक तौर पर एक भी प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं कर पाई है। पार्टी की तरफ से 25 सीटों पर तो सभी उम्मीदवार लगभग तय हैं, लेकिन तीन सीटों के कारण सभी के नामों का ऐलान अटक गया है। ऐसे में आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली जा रहे हैं। इसके बाद उम्मीदवारों के नामों की घोषणा को लेकर फिर से अटकलें चलने लगी हैं।

मध्य प्रदेश में 3 नवंबर को मतदान के बाद 10 नवंबर को तय होगा कि शिवराज या कमलनाथ के साथ जनता का साथ है। अब तक प्रचार में आगे चलने वाली भाजपा उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करने में कांग्रेस और बसपा से काफी पीछे चल रही है। कांग्रेस ने अपने 24 प्रत्याशियों और तीसरी ताकत बनने का जतन कर रही बसपा ने भी 18 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।

25 सीटों पर नाम तय

कांग्रेस से भाजपा में आए 25 पूर्व विधायकों को फिर से टिकट दिए जाने पर सहमति बन चुकी है। इस स्थिति में पार्टी को सिर्फ 3 सीटों पर ही प्रत्याशी चयन के लिए मंथन करना पड़ रहा है, जो विधायकों के निधन के बाद रिक्त हुई हैं। यह सीट हैं- मुरैना जिले की जौरा, राजगढ़ जिले की ब्यावरा और आगर मालवा जिले की आगर, इसमें दो सीट कांग्रेसी विधायक के निधन और एक सीट भाजपा विधायक के निधन के बाद खाली हुई है। इन सीटों पर प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा चुनाव समिति की बैठक और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच गहन विचार-विमर्श हो चुका है।

ब्यावरा में दो नामों पर विचार

प्रदेश भाजपा ने 3 सीटों पर 2- 2 नाम का पैनल तैयार कर अंतिम फैसले के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भेज दिया है। इनमें ब्यावरा से पूर्व विधायक नारायण सिंह पवार और भाजपा जिलाध्यक्ष दिलवर यादव का नाम है। देरी के कारण अब कार्यकर्ताओं में भी बेचैनी बढ़ने लगी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिवंगत विधायक गोवर्धन दांगी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने गए थे तो रास्ते में उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन से दो-चार होना पड़ा।

कार्यकर्ताओं का एक बड़ा वर्ग किसी युवा प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारने के पक्ष में हैं, ऐसी दशा में दिलवर यादव के नाम पर मुहर लगाई जा सकती है। वे पूर्व मंत्री बद्रीलाल यादव के भतीजे हैं। दूसरी ओर शिवराज सहित कुछ नेता पिछले चुनाव में पराजित हुए पूर्व विधायक नारायण सिंह पवार को एक बार और अवसर देना चाहते हैं।

जौरा में 3 नाम चर्चा

कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा के निधन से खाली हुई मुरैना जिले की जौरा क्षेत्र के लिए पिछले चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे सूबेदार सिंह के नाम की चर्चा चल रही है। उनके नाम पर शिवराज और क्षेत्र के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की सहमति बताई जा रही है। अपने प्रभाव वाले इस क्षेत्र से ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक कैलाश मित्तल या हरिओम शर्मा के नाम की हरी झंडी चाहते हैं।

आगर में ऊंटवाल और रत्नाकर

पूर्व मंत्री मनोहर ऊंटवाल के निधन से खाली हुई अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित आगर सीट से उनके पुत्र मनोज ऊंटवाल को चुनाव लड़ा कर भाजपा सहानुभूति वोट कमाने के फेर में है। पूर्व विधायक रेखा रत्नाकर भी पूरी ताकत के साथ पार्टी टिकट की जुगत में लगी हुई है। उनके भाई उज्जैन के सांसद अनिल फिरोजिया इसके लिए लॉबिंग कर रहे हैं।

दो-तीन नामों पर पुनर्विचार

इधर यह भी तथ्य सामने आ रहा है कि सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए कुछ पूर्व विधायकों के मैदानी सर्वे के आधार पर जीत की कम संभावनाओं को देखते हुए 2 से 3 नामों पर पुनर्विचार किया जा सकता है। किंतु इसके लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया की असहमति सामने आई है। सब कुछ तय होने के बावजूद पार्टी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा पर देरी का इसे बड़ा कारण माना जा रहा है।



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