NEET में पहली बार, दो छात्रों के पूरे 720 मार्क्स, लेकिन दो अलग रैंक क्यों?

Posted By: Himmat Jaithwar
10/17/2020

भोपालः 12वीं के बाद मेडिकल क्षेत्र में प्रवेश के लिए होने वाली National Eligibility cum Entrance test (NEET) परिक्षा के नतीजे घोषित कर दिये गये है. 2020 की परिक्षा के नतीजों में दो छात्रों ने वो कारनामा कर दिखाया, जो इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ. ओडिसा के शोएब आफताब और दिल्ली की आकांक्षा सिंह ने 720 में से पूरे 720 अंक हासिल कर इतिहास रच दिया है. 

टाई ब्रेकर पॉलिसी से हुआ फैसला

दोनों ही छात्रों के अंक बराबर थे, लेकिन शोएब को पहली रैंक तो आकांक्षा को दूसरी रैंक मिली है. इसका कारण नीट की टाई ब्रेकर पॉलिसी है. इसके अनुसार दो या ज्यादा छात्रों के एक बराबर अंक आने पर तीन तरीकों से टॉपर का फैसला होता है. 

1. जिसकी उम्र ज्यादा है, उसे रैंक में प्राथमिकता दी जाती है. 
2. हर विषय में दोनों को मिले अंकों के आधार पर भी फैसला होता है. 
3. गलत उत्तरों की संख्या जिसकी कम रहेगी उसकी रैंक आगे रहेगी.

यहां शोएब की उम्र ज्यादा होने का फायदा उसकी नीट परिक्षा की रैंक में मिला है. चुंकि आफताब की उम्र ज्यादा है, इसलिए उसे ऑल इंडिया रैंक वन तो आकांक्षा को दूसरी रैंक मिली है. दिल्ली की रहने वाली आकांक्षा इस तरह साल 2020 में लड़कियों की टॉपर बनी. 

16 अक्टूबर को जारी किया गया था रिजल्ट 
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने शुक्रवार 16 अक्टूबर को नीट 2020 के नतीजे घोषित किए थे. इस साल टॉप 50 बच्चों ने 700 से ज्यादा अंक हासिल किए है, जबकि 2019 के नीट टॉपर को 701, तो वहीं 2018 के नीट टॉपर को 691 अंक मिले थे. इस बार के नतीजों के बाद नीट का कट ऑफ भी बढ़ने वाला है. जो बाकी छात्रों की परेशानी खड़ी कर सकता है.



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