ताइवान के विदेश मंत्री का बड़ा बयान- चीन की तानाशाही बिल्कुल स्वीकार नहीं

Posted By: Himmat Jaithwar
10/22/2020

नई दिल्ली: ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू (Joseph Wu Taiwan Foreign Minister) ने कहा है कि ताइवान (Taiwan) एक लोकतांत्रिक देश है. हमें अपनी लोकतांत्रिक परंपरा पर गर्व है. लेकिन चीनी (China) अधिनायकवाद लगातार विस्तार करने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में भी हम अपनी संप्रभुता की रक्षा कर रहे हैं. लगातार चीन से अपने क्षेत्र की रक्षा कर रहे हैं. हम स्वतंत्रता और लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. चीन की तानाशाही कतई स्वीकार नहीं है.

ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वूजोसेफ वू ने चीन की आक्रामकता, ताइवान को अमेरिकी समर्थन और संभावित मित्रता के बारे में भी काफी अहम बयान दिया है.

ताइवान खुद को बचाने के लिए दृढ़
यह पूछे जाने पर कि ताइवान के साथ कौन देश खड़े हैं? वू ने कहा ‘ताइवान हमारा देश है. ताइवान सरकार और सेना देश की रक्षा करने के लिए खड़ी है. हमने बार-बार कहा है सरकार और यहां के लोग खुद का बचाव करने के लिए दृढ़ हैं. यही कारण है कि हम अपनी सेना पर अधिक खर्च करते हैं और अपनी सुरक्षा के लिए अधिक हथियार खरीदने की कोशिश करते हैं. हम आधुनिक सिद्धांतों के अनुसार अपनी सेना को प्रशिक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं. यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दिखाने का तरीका है कि ताइवान खुद को बचाने के लिए कितना दृढ़ है.’

अमेरिका कर रहा मदद
अमेरिका ने ताइवान में अपनी उपस्थिति जरूर बढ़ाई है, वू ने इस बात की तस्दीक की है. उन्होंने कहा, ‘अगर हम खुद को बचाने में सक्षम नहीं हैं तो हमें अन्य देशों से अपनी मदद के लिए पूछने का कोई अधिकार नहीं है लेकिन मुझे लगता है कि अमेरिका इस दिशा में लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है. अमेरिका ने दुनिया के अन्य देशों को दिखाया है कि उसकी नौसेना, वायु सेना यहां आक्रामकता को रोक सकती है.’

भारत से दोस्ती की तमन्ना
जोसेफ वू ने चीनी आक्रामकता का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इकट्ठा करने की आवश्यकता जताई. उन्होंने कहा, ‘हमें बहुत सावधान रहने की जरूरत है. अन्य देशों के साथ अधिक दोस्ती बनाने की जरूरत है. इस दिशा में भारत एक ऐसा देश है जिसके साथ हम दोस्ती करना चाहते हैं.’

अब कई यूरोपीय देश हैं साथ
देश की नई वैश्विक मान्यता पर वू ने कहा हम अधिक से अधिक देशों को ताइवान के लिए आवाज उठाने के लिए आशान्वित हैं. इस कड़ी में सिर्फ अमेरिका या जापान नहीं है. अब और यूरोपीय देश भी हैं. जैसे ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा. वू ने उम्मीद जताई कि ताइवान भविष्य में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) या संयुक्त राष्ट्र प्रणाली का हिस्सा बन जाएगा.



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