पूर्व सीएम बोले- मेरे विधायकों को भाजपा फिर ऑफर करने लगी क्योंकि उसे नतीजों का अंदेशा हो चुका है

Posted By: Himmat Jaithwar
10/26/2020

मध्यप्रदेश में चुनावी शिकायतों का दौर जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अब चुनाव आयोग से पुलिस के खिलाफ शिकायत की है। उन्होंने आरोप लगाए कि पुलिसकर्मी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को डरा धमकाकर भाजपा के पक्ष में प्रचार करने का दबाव बना रहे हैं। इस संबंध में नाथ ने सोमवार को चुनाव आयोग से अलग-अलग चार शिकायतें की हैं। चुनाव आयोग से अब तक साढ़े तीन सौ से अधिक शिकायत पहुंच चुकी हैं। इसमें कांग्रेस 200 से अधिक और भाजपा करीब 150 शिकायतें कर चुके हैं।

कमलनाथ ने दावा करते हुए कहा कि मुझे हमारे कई विधायकों के फोन आ रहे हैं, वे बता रहे हैं कि बीजेपी उन्हें प्रलोभन दे रही है। पैसे का ऑफर दे रही है। एडवांस देने की बात कर रही है। आज का मतदाता बहुत समझदार है। चुनाव तो प्रजातंत्र का उत्सव होता है, लेकिन यह तो सौदेबाजी का उत्सव हो गया है। बिकाऊ उत्सव हो गया है।

कमलनाथ ने कहा- 10 के बाद 11 भी आएगी

इस चुनाव में हमारा मुकाबला भाजपा से ही नहीं बल्कि प्रशासनिक तंत्र से भी है। इसको लेकर मैंने आज ही चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। छोटे-छोटे शासकीय कर्मचारियों पर भाजपा के पक्ष में काम करने के लिए दबाव डाला जा रहा है। भाजपा के पक्ष में काम करने वाले अधिकारी यह जान ले कि 10 के बाद 11 भी आएगी।

उन्होंने कहा कि भाजपा को 10 नवंबर को आने वाले परिणाम का अभी से अंदेशा हो गया है। इसलिए तो भाजपा परिणाम का इंतजार नहीं कर रही है। सौदेबाजी का खेल अभी से ही शुरू कर दिया है। अब उनके पास यही उपाय बचा है। वह जान लें कि मध्य प्रदेश की जनता सरल है। सीधी-साधी है, लेकिन बेहद जागरूक है।

मैं सौदेबाजी की राजनीति में विश्वास नहीं करता। मैं चाहता तो मैं भी ऐसी राजनीति कर सकता था, लेकिन मैं मध्य प्रदेश को कभी कलंकित नहीं होने दूंगा। मैं कभी भी सौदेबाजी की राजनीति नहीं करूंगा। कांग्रेस मध्यप्रदेश में सौदेबाजी की राजनीति नहीं कर एक उदाहरण प्रस्तुत करेगी। भाजपा तो खुद ही कह रही है कि अभी दो-तीन विधायक और आ रहे हैं, तो क्या बगैर सौदेबाजी के आ रहे हैं? सात महीने से तो हमारी सरकार भी नहीं है, जनता खुली आंखों से इनकी सच्चाई देख रही हैं। बीजेपी को जितनी सौदेबाजी की राजनीति करना हो करें, जितना प्रलोभन देना हो दे। हम सौदेबाज़ी से दूर रहेंगे।

आज मध्यप्रदेश देश भर में कलंकित हो रहा है। जब एक गांव का साधारण व्यक्ति समझ रहा है कि किस कारण से हमारे प्रदेश में उपचुनाव हो रहे हैं, तो क्या देश की जनता इस सच्चाई को नहीं समझती है? तीन तारीख को प्रदेश की जनता तय करेगी कि वह प्रदेश का कैसा भविष्य चाहती हैं।



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