तीन हजार इंडस्ट्रियल प्लॉट उपलब्ध कराने की तैयारी, आधे इंदौर के पांच क्लस्टर में

Posted By: Himmat Jaithwar
11/30/2020

इंदौर। कोरोना के कारण विदेशों के साथ देश के अन्य शहरों से प्रदेश लौटे युवाओं को इंडस्ट्री से जोड़ने की तैयारी है। प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में 3000 प्लॉट आवंटित करने की योजना है, इनमें से आधे इंदौर के पांच क्लस्टर में होंगे। जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों वर्चुअल कार्यक्रम में भूमिपूजन कराया जाएगा। खास बात यह है कि इनके लिए सरकार कोई करार नहीं करेगी। जमीन आवंटित कर सीधे काम शुरू करने पर जोर दिया जाएगा, ताकि जल्द लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके।

औद्योगिक जमीनें फ्री होल्ड नहीं होंगी : औद्योगिक प्लॉटों के जल्द आवंटन के लिए सरकार नई औद्योगिक और आईटी नीति का ऐलान करेगी। अब औद्योगिक जमीन फ्री होल्ड नहीं होगी, क्योंकि इससे जमीन का अन्य उपयोग शुरू होने की आशंका रहती है। उधर, नई नीति में उद्योग एकेवीएन और उद्योग विभाग दोनों के लगाए जा रहे दोहरे टैक्स से मुक्ति चाहते हैं। ये समस्या एकेवीएन के विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में आ रही है। एसो. ऑफ इंडस्ट्री के अध्यक्ष प्रमोद डाफरिया के मुताबिक, मंत्री सकलेचा को हमने मांगें बता दी हैं।

1700 हेक्टेयर में 20 इंडस्ट्रियल पार्क, इनमें 850 हेक्टेयर पीथमपुर में ही

  • प्रदेश में 1700 हेक्टेयर पर 20 इंडस्ट्रियल पार्क प्रस्तावित हैं। इंदौर-पीथमपुर में 850 हेक्टेयर में पांच इंडस्ट्रियल एरिया हैं।
  • तीसरे हाईराइज आईटी पार्क में 50 से ज्यादा कंपनी को जगह मिलेगी।
  • पीथमपुर के 582 हेक्टेयर में 200, रंगवासा कनफेक्शनरी क्लस्टर में 50, आईटी सेक्टर की 40, खिलौना, फर्नीचर क्लस्टर में 300 प्लॉट निकलेंगे।

प्रधानमंत्री की कोशिशों से जो चीन विरोधी माहौल बना है, उससे देश में बने उत्पादों की मांग बढ़ी है।कोरोना के कारण कई युवा विदेश और बाहर से लौटे हैं। उनके पास काम नहीं है, सही मौका है, उन्हें जमीन देकर खुद का काम शुरू कराने का।

-ओमप्रकाश सकलेचा, उद्योग मंत्री

इधर, आठ महीने बाद इंदौर, पीथमपुर के सभी उद्योग पूरी क्षमता से करने लगे काम

कोरोना काल में आठ महीने बाद सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र, पोलोग्राउंड सहित पीथमपुर के सभी उद्योग पूरी क्षमता से काम करने लगे हैं। इनमें 1.30 लाख कर्मचारी रोज काम कर रहे हैं। प्रतिभा सिंटेक्स के वाइस प्रेसीडेंट (एचआर) एचएस झा बताते हैं मशीनों को ऐसे व्यवस्थित किया है जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके।



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