बिल के विरोध में छावनी मंडी पहुंचे कांग्रेसी, दिग्विजय बोले - सूट बूट वाली इस सरकार ने नोटबंदी में भी गरीबों को लाइन में लगाया था

Posted By: Himmat Jaithwar
12/8/2020

इंदौर। नए कृषि कानून के विरोध में मंगलवार को भारत बंद के समर्थन में कांग्रेसी सड़क पर उतरे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने छावनी अनाज मंडी पहुंचकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। करीब दो घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के दौरान सवा घंटे सिंह मंडी में मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने कहा कि ये सूट बूट वाली सरकार बिना किसी चर्चा के इस काले कानून को लेकर आई है। नोट बंदी में इसी सरकार ने गरीबों को लाइन में लगाया। उन्हें 500 का नोट साढ़े 3 से 400 रुपए में तो 1000 का नोट 700 से 800 रुपए में बेचना पड़ा।

छावनी अनाज मंडी में तीन थानों का बल तैनात।
छावनी अनाज मंडी में तीन थानों का बल तैनात।

ऐसा रहा कांग्रेस का विरोध
कांग्रेसियों ने सुबह 9 बजे छावनी मंडी में पहुंचकर विरोध दर्ज करवाने काे कहा था, लेकिन साढ़े 9 बजे तक कुछ ही कार्यकर्ता यहां पहुंचे थे। इसके बाद शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल पहुंचे और फिर कुछ कार्यकर्ताओं के साथ अग्रसेन चौराहे से बाइक रैली के रूप में छावनी मंडी पहुंचे। यहां नारेबाजी करते हुए एक किनारे खड़े हो गए और दिग्विजय सिंह सहित बड़े नेताओं के आने का इंतजार करने लगे। करीब आधे घंटे बाद पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, विशाल पटेल, सज्जन सिंह वर्मा सहित कई नेता मंडी पहुंचे। करीब 10 बजकर 50 मिनट पर दिग्विजय सिंह कुछ कांग्रेसियों के साथ यहां पहुंचे।

कांग्रेस शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल बाइक रैली के रूप में छावनी मंडी पहुंचे।
कांग्रेस शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल बाइक रैली के रूप में छावनी मंडी पहुंचे।

सिंह मंडी गेट से करीब 100 मीटर दूर गाड़ी से उतरे और पैदल चलकर कांग्रेसियों के पास पहुंचे, जो गेट से कुछ ही दूरी पर उनका इंतजार कर रहे थे। सिंह को देखकर कांग्रेसियों में जोश जगा और उन्होंने सरकार के खिलाफ बिल वापस लेने को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ देर यहां रुकने के बाद कांग्रेसियों ने वहां मौजूद पुलिस-प्रशासन से मंडी में भीतर जाकर किसानों से चर्चा करने की बात कही। इसके बाद सभी कांग्रेसी मंडी के भीतर पहुंचे और मंडी का एक चक्कर लगाने के बाद हम्माल और तुलाई वालों से बात की। इसके बाद तुलाई वाली जगह पर खड़े होकर सिंह ने अपना उद्धबोधन दिया। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन देने के बाद गाड़ियां मंडी के भीतर पहुंची और इसके सवार होकर सिंह सहित कांग्रेसियों का काफिला यहां से रवाना हो गया। इनके जाते ही मंडी के व्यापारी और कर्मचारी फिर से एक्टिव हो गए और व्यापार में व्यस्त हो गए।

कांग्रेसियों ने मंडी का एक चक्कर लगाकर हम्मालों से बात की।
कांग्रेसियों ने मंडी का एक चक्कर लगाकर हम्मालों से बात की।

दिग्विजय बोले- बिना किसी चर्चा के काला कानून लाद रहे

दिग्विजय सिंह ने कहा कि एक तरफ है गरीब मजदूर, किसान, हम्माल और छोटा कर्मचारी। वहीं दूसरी ओर है वह विचारधारा जो इन लोगों का शोषण करती आई है। एक तरफ गरीब है दूसरी ओर सूट बूट की सरकार। नोटबंदी हुई लाइन में खड़ा हुआ गरीब, मजदूर और उसके परिवार जन। 500 का नोट साढ़े 3 से 400 रुपए में तो 1000 का नोट 700 से 800 रुपए में बिका। जीएसटी आई तो छोटा व्यापारी परेशान हो गया। अब यह बिना किसी चर्चा के काला कानून किसानों और मजदूरों के खिलाफ लाया गया है।

पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने भी मोदी सरकार को निशाने पर लिया।
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने भी मोदी सरकार को निशाने पर लिया।

मंडी कानून को खत्म करना चाहती है सरकार

भाजपा कहती है कि कांग्रेस ने कुछ नहीं किया। जब 1947 में देश आजाद हुआ तो हमें करीब 100 करोड़ का गेहूं विदेशों से आयात करना पड़ा था। कांग्रेस के हरित क्रांति और सही नीतियों की वजह से हम 1980 में आयात की जगह गेहूं निर्यात करने लगे। मंडी कानून किसानों के लिए बना, ताकि उसे अच्छा भाव मिले, शोषण ना हो। उसके साथ छलावा नहीं हो। ये मंडी कानून को खत्म करना चाहते हैं। किसी व्यापारी को मंडी में लाइसेंस लेने की जरूरत ही नहीं, उस पर कोई बंधन ही नहीं है।



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