15 साल के लड़के ने की घिनौनी हरकत, मां से बोली बच्ची- चिपकाकर सुला लो, मुझे डर लग रहा है, रातभर सिसकती रही

Posted By: Himmat Jaithwar
12/27/2020

वो रातभर सिसकती रही। मां से लिपटकर बोली कि मुझे अपने पास चिपकाकर सुला लो, डर लग रहा है। अपनी छह साल की बेटी को रोता देख जब मां को समझ नहीं आया कि वह क्यों रो रही है तो पिता ने कोशिश की। उन्होंने पुचकारते हुए पूछा कि बेटा क्या हुआ है। अपने पापा को भी नहीं बताओगी? तो उसने पिता को दो दिन पहले अपने साथ हुई गंदी हरकत की पूरी कहानी सुनाई।

यह घटना करोंद इलाके में रहने वाली छह साल की बच्ची के साथ हुई। उसी के मोहल्ले में रहनेवाले 15 साल के लड़के ने न सिर्फ उसके साथ अश्लील हरकत की बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी। बच्ची उस लड़के को भैया कहती थी।

घटना गुरुवार दोपहर करीब दो बजे हुई। उस वक्त बच्ची घर की छत पर मोबाइल फोन में गेम खेल रही थी। तभी मोहल्ले में रहने वाला 15 साल का यह लड़का छत पर पहुंचा। बच्ची के साथ अश्लील हरकत करने लगा। दर्द हुआ तो बच्ची रोने लगी। लड़के ने उसे धमकाया कि किसी को बताया तो मार डालूंगा। बच्ची के पिता को जब घटना मालूम हुई तो उन्होंने रिश्तेदारों से बात की और अगले दिन शुक्रवार शाम बेटी और पत्नी के साथ निशातपुरा थाने जाकर केस दर्ज करवाया।

दलित है बच्ची, इस एक्ट की भी लगीं धाराएं

पुलिस के मुताबिक बाल अपचारी के खिलाफ छेड़छाड़, ज्यादती, पॉस्को और एससी-एसटी एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने फिलहाल उस लड़के को हिरासत में नहीं लिया है। वह अभी नाबालिग है, इसलिए उसकी काउंसलिंग कराने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।

जेजे बोर्ड निर्णय लेगा कि केस वयस्क या नाबालिग के हिसाब से चलेगा

निर्भया कांड के बाद किशोर न्याय अधिनियम में संशोधन हुआ था, जिसके मुताबिक अपराध की क्रूरता का निर्णय जुविनाइल जस्टिस बोर्ड करेगा। राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बताया कि 16 से 18 साल तक के किशोर द्वारा किए गए अपराध की क्रूरता का निर्धारण बोर्ड के सदस्य करेंगे। उसके बाद ही प्रकरण तय होगा कि किशोर को वयस्क माना जाए या नाबालिग।

9 माह पहले- 7 साल की बच्ची से ऐसी ही हरकत; तब समझौता, अब केस

तीन मार्च की रात 11 बजे नशे की हालत में आए रिश्तेदार ने सात साल की मासूम से अश्लील हरकत की थी। 9 महीने पहले हुई इस वारदात की शिकायत परिवार ने अब गुनगा थाने में दर्ज करवाई है। उस वक्त परिवार वालों का आरोपी से विवाद भी हुआ। इसकी शिकायत पुलिस से की, लेकिन बाद में समझौता हो गया था, इसलिए एफआईआर दर्ज नहीं करवाई। शुक्रवार को परिजन बच्ची को लेकर दोबारा थाने पहुंचे और पुराने मामले में एफआईआर दर्ज करवाई।



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