अब तक 1 लाख 70 हजार मौतें: ट्रम्प ने कहा- अमेरिकियों की नौकरियां बचाने के लिए देश में विदेशियों का आना अस्थाई तौर पर रोका जाएगा

Posted By: Himmat Jaithwar
4/21/2020

वॉशिंगटन. दुनिया में अब तक एक लाख 70 हजार 423 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण के 24 लाख 81 हजार मामले हैं। वहीं, छह लाख 46 हजार 675 ठीक हो चुके हैं। अमरिका में 24 घंटे में 1,939 लोगों की जान गई है और 28 हजार 123 मरीज मिले हैं। यहां अब तक 42 हजार 514 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि इस संकट में वायरस के खतरे से बचने और अमेरिकी नागरिकों की नौकरियां बचाने के लिए वे देश में विदेशी नागरिकों का प्रवासन अस्थायी तौर पर बंद करेंगे। अमेरिका में कोरोना के कहर के कारण बेरोजगारी दर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। यहां अब तक 1.68 करोड़ लोग बेरोजगार हुए। नागरिकों की नौकरी जाने की वजह से राष्ट्रपति ने यह फैसला लिया है।

ट्रम्प ने ट्वीट किया- अदृश्य दुश्मन के हमले को देखते हुए ग्रेट अमेरिकियों की नौकरी बचाने के लिए मैं यहां बसने वाले विदेशी नागरिकों के पाबंदी वाले अस्थायी आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे। 

कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश

देश कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 7 लाख 92 हजार 759 42 हजार 514 73 हजार 389
स्पेन 2 लाख 210 20 हजार 852 80 हजार 587
इटली  1 लाख 81 हजार 228 24 हजार 114 48 हजार 877
फ्रांस 1 लाख 55 हजार 383 20 हजार 265 37 हजार 409
जर्मनी 1 लाख 47 हजार 065 4 हजार 862 91 हजार 500
ब्रिटेन 1 लाख 24 हजार 743 16 हजार 509 उपलब्ध नहीं
तुर्की  90 हजार 980 5 हजार 209 13 हजार 430
ईरान 83 हजार 505 5 हजार 209 59 हजार 273
चीन 

82 हजार 747

4 हजार 632 77 हजार 123
रूस 47 हजार 121 405 3 हजार 446

येआंकड़े https://www.worldometers.info/coronavirus/ से लिए गए हैं

अमेरिका: न्यूयॉर्क में करीब 19 हजार मौतें
अमेरिका में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य न्यूयॉर्क है, जहां अब तक 18 हजार 929 लोगों की जा जा चुकी है। न्यूयॉर्क स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को बताया कि न्यूयॉर्क स्टेट में अभी तक दो लाख 47 हजार 512 संक्रमित हैं जबकि न्यूयॉर्क शहर में यह आंकड़ा एक लाख 36 हजार 806 है। इससे पहले न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू क्यूमो ने बताया कि रविवार को न्यूयॉर्क में 478 संक्रमितों की मौत हुई है जबकि शनिवार को 507 लोगों ने जान गंवाई थी।

अमेरिका: न्यूयॉर्क सिटी फायर डिपार्टमेंट के कर्मचारी स्वास्थ्यकर्मियों का आभार जताते हुए।

अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतों में ऐतिहासिक गिरावट
अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतों में सोमवार को ऐतिहासिक 105% की गिरावट दर्ज की गई। पहली बार तेल की कीमतें माइनस 2 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई। वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के मई वितरण में 300% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। कोरोना संकट की वजह से दुनियाभर में घटी तेल की मांग के चलते इसकी कीमतें लगातार गिर रही हैं। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत इतनी नीचे पहुंची है। रिस्ताद एनर्जी के प्रमुख ब्योर्नार टोनहुगेन ने कहा,“वैश्विक आपूर्ति की मांग में कमी की समस्या की वजह से तेल की कीमतों में वास्तविक तौर पर गिरावट आने लगी है।” कोरोना के खतरे के कारण ज्यादातर देशों में लगाए लॉकडाउन के कारण तेल की मांग में भारी कमी आई है। इसके चलते तेल कंपनियों के भंडार पूरी तरह से भर चुके हैं।

  • तेल की कीमतें निगेटिव होने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि एक स्तर तक बहुत सारे लोगों के लिए यह दिलचस्प है। अमेरिका अपने पेट्रोलियम भंडार को भरना चाहेगा। हम करीब 7.5 करोड़ बैरल रिजर्व रखना चाहते हैं। हमारी सरकार तेल कीमतों को ठीक कर लेगी।
  • टेस्टिंग कीट को लेकर ट्रम्प ने राज्यों के गवर्नरों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि उन लोगों को पता ही नहीं है कि टेस्ट करने की सही प्रक्रिया क्या है। राज्यों के पास पर्याप्त टेस्टिंग की क्षमता है।
  • अमेरिका में हिंदू संगठनों के समूह ने भारततीय छात्रों के लिए हेल्पलाइन नंबर शुरू की है। हिंदू युवा, भारतीय, विवेकनंद हाउस और सेववा इंटरनेशनल ने संयुक्त रूप से ‘कोलिड-19 स्टूडेंट सपोर्ट नेटवर्क’ पहल की है। वॉशिंगटन में इसका काम देख रहे प्रेम रंगवानी ने कहा कि इसे 90 छात्र चला रहे हैं।

अमेरिका में कई भारतीय डॉक्टर्स की मौत

अमेरिका और ब्रिटेन में कई भारतीय मूल के डॉक्टर औ अन्य मडिकल स्टाफ दिन-रात जुटे हैं। कई डॉक्टरों की मौत भी हो चुकी है। पिछले सप्ताह न्यूयॉर्क के अस्पताल में एक भारतीय डॉक्टर माधवी अया की संक्रमण के से मौत हो गई थी। संक्रमित में ज्यादा भारतीय डॉक्टर न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी में हैं। डॉक्टर रजत गुप्ता (बदला हुआ नाम) न्यूजर्सी में एक कोरोना मरीज की जांच कर रहे थे। इसी दौरान उसने डॉ. गुप्ता के चेहरे पर उल्टी कर दी। इसके बाद वे भी संक्रमित हो गए और उनकी भी मौत हो गई। भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टरों के संघ (एएपीआई) के सचिव रवि कोहली ने कहा- कम से कम 10 डॉक्टर गंभीर हैं। किडनी रोग विशेषज्ञ प्रिया खन्ना (43) का हाल में न्यूजर्सी में निधन हो गया। उनके सर्जन पिता सत्येंद्र खन्ना भी संक्रमित हैं।

अमेरिका: न्यूयॉर्क पुलिस अफसर एक शव को ले जाने में स्वास्थ्यकर्मियों की मदद करते हुए। राज्य में अब तक करीब 19 हजार लोगों की जान जा चुकी है।

इटली: संक्रमण में कमी
महामारी की शुरुआत के बाद पहली बार इटली में पहली बार संक्रमण के मामलों में कमी आई है। बीबीसी के मुताबिक, सिविल प्रोटेक्शन एजेंसी की चीफ एजेंलो बोरेली ने कहा कि पहली बार देश में संक्रमण के मामलों में कमी आई है। सोमवार तक यहां एक लाख आठ हजार 237 मरीज हैं, जो या तो अस्पताल में भर्ती हैं या घर में क्वारैंटाइन हैं। रविवार को 486 एक्टिव केस का इजाफा हुआ था। अमेरिका और स्पेन के बाद इटली तीसरा देश  है, जहां संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले हैं। यहां अब तक 24 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं, जबकि एक लाख 81 हजार 228 संक्रमित हैं।

इटली: तुरिन में सोमवार को कब्रिस्तान में दफन के लिए ताबूत ले जाते लोग। यहां अब तक 24 हजार से ज्यादा जान जा चुकी है।

फ्रांस: 20 हजार से ज्यादा मौतें
फ्रांस में सोमवार शाम तक मौतों का आंकड़ा 20 हजार से ज्यादा हो गया। बीबीसी के मुताबिक, फ्रांस के सेवा निदेशक ने इन आंकड़ों को प्रतिकात्मक और दुखद बाया है। यहां 24 घंटे में 547 लोगों की मौत हुई है और संक्रमण के 2,489 केस मिले हैं। दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौतों में फ्रांस अब चौथा देश हो गया है। इससे पहले अमेरिका, इटली और स्पेन हैं। फ्रांस में भी लॉकडाउन का विरोध शुरू हो गया है। पेरिस में रविवार को लॉकडाउन के विरोध में दंगे भड़क उठे। यह दंगे उत्तरी पेरिस के विलेन्यूवे ला-गेरेन में भड़के। पुलिस पर आरोप है कि वह लॉकडाउन का पालन करवाने के दौरान गैर-ईसाई अल्पसंख्यकों के साथ बर्बरता से पेश आई और नस्लभेदी रवैया अपनाया। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने सोशल डिस्टेंसिंग के प्रतिबंधों को 11 मई तक बढ़ा दिया है।

फ्रांस: पेरिस की सड़क पर एक व्यक्ति और उसके बेटे ने ‘मनुष्य बनो’ लिखा एक डिजाइन बनाया। देश में लॉकडाउन लगाने के बाद से मामलों में कमी आ रही है।

तुर्की: सरकारी आंकड़ों से ज्यादा मौत होने का संदेह

तुर्की में संक्रमण का आंकड़ा चीन से भी ज्यादा हो गया है। सोमवार तक यहां कुल 90 हजार केस मिल चुके थे। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यहां मौतों का आंकड़ा 2,140 हो गया है। लेकिन, देश में इससे ज्यादा लोगों की जान गई है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इस्तानबुल में होने वाली मौतों से पता चलता है कि तुर्की में कुल मौतें सरकार के आंकड़ों से कहीं ज्यादा हो सकती है। पिछले दो साल में हुए मौतों का सप्ताहिक औसत निकाला गया। इस आधार पर जितनी मौतों की संभावना थी, उससे 9 मार्च से 12 अप्रैल के बीच इस शहर में केवल 2,100 से ज्यादा जान गई है। सरकारी डेटा के अनुसार, यह आंकड़ा इस अवधि में पूरे तुर्की में हुए मौतों से ज्यादा है। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि ये सभी मौतें कोरोना से ही हुई हैं। हालांकि, इससे इस बात का पता चलता है कि कोरोना संक्रमण फैलने के बाद मौतों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इसके आधार पर शोधकर्ता अध्ययन कर रहे हैं।

तुर्की: यह तस्वीर इस साल मार्च की है। इस्तानबुल के एक कब्रिस्तान में अधिकारी और रिश्तेदार ताबूत को दफनाते हुए।

श्रीलंका: 20 जून को संसदीय चुनाव होंगे
श्रीलंका में 25 अप्रैल को होने वाले संसदीय चुनावों को वायरस के खतरे के कारण स्थगित कर दिया गया है। अब यह 20 जून को होंगे। श्रीलंका चुनाव आयोग ने मंगलवार को ये जानकारी दी। सरकार के सूचना विभाग ने एक बयान जारी कर कहा कि चुनाव आयोग की तरफ से जारी इस फैसले के बाद चुनावों की नई तारीख घोषित को लेकर एक विशेष राजपत्र नोटिस जारी किया जाएगा। इससे पहले चुनाव आयोग के प्रमुख महिंदा देशप्रिया ने कहा था कि इस स्थित में 25 अप्रैल को चुनाव कराना संभव नहीं है, क्योंकि सरकारी कर्मचारी इन हालातों में काम नहीं कर सकते हैं। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने दो मार्च को संसद भंग कर दिया था। देश में अब तक संक्रमण के 302 केस मिले हैं, जबकि सात लोगों की मौत हो चुकी है।

श्रीलंका: कोलंबो में स्वैब की जांच करते स्वास्थ्यकर्मी। देश में अब तक संक्रमण के 302 केस मिले चुके हैं।

इजराइल: 13,713 मामलों की पुष्टि
इजरायल में 59 नए मामले आने के बाद देश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 13,713 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि देशभर में अब तक 177 मरीजों की मौत हो गई है। 4,049 मरीज अब तक ठीक भी हो गए हैं। इसके अलावा 149 मरीज इंटेंसिव केयर में भर्ती हैं। इनमें से 99 वेंटीलेटर मशीन पर हैं। इजराइल ने लॉकडाउन और अन्य उपायों में ढील देना शुरू कर दी है। हालांकि दो से अधिक लोग एक साथ अभी भी बाहर नहीं घूम सकेंगे। यहां लोग सख्त प्रतिबंधों को लेकर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

इजराइल के जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों के समर्थन में दीवार पर चित्र बनाता कलाकार। महामारी के बीच जहां दुनियाभर के कैदियों को रिहा किया जा रहा है, वहीं फिलिस्तीनी कैदी अभी भीं बंद हैं।

चीन: 11 नए केस मिले
चीन में सोमवार को 11 नए केस मिले हैं। नेशनल हेल्थ कमीशन ने कहा- रिपोर्ट किए गए इन मामलों में से चार में संक्रमण बाहर से आया है, जबकि अन्य सात घरेलू रूप से प्रसारित हुआ। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने हेल्थ कमीशन के हवाले से कहा कि छह मामले हेइलोंगजियांग और एक गुआंग्डोंग प्रांत में दर्ज किए गए। हालांकि, मेनलैंड चाइना में कोई मौत दर्ज नहीं हुई। कमीशन ने कहा कि चीन में सोमवार तक कुल 82,758 मामले दर्ज किए गए। इनमें से 1,003 का उपचार चल रहा है, जबकि 77,123 को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं अब तक 4,638 लोगों की मौत हुई है। स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव रीजन (एसएआर) हॉन्गकॉन्ग में सोमवार तक चार मौतों और 1,025 मामलों की पुष्टि की गई।

चीन: बीजिंग में शाम में काम से आते लोग। देश में अब तक 77,123 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।

दक्षिण कोरिया: 10 हजार 683 मामले

दक्षिण कोरिया में 24 घंटों के दौरान नौ नए मामले दर्ज किए गए। इसके बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 10 हजार 683 हो गई है। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत के साथ मरने वालों की कुल संख्या 232 हो गई। देश में पिछले चार दिन से लगातार संक्रमितों का एक दिन का आंकड़ा 20 से कम रहा है। नए मामलों में पांच विदेशों से आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (केसीडीसी) ने मंगलवार को बताया कि संक्रमण से एक और व्यक्ति की मौत के साथ मृतकों की संख्या 237 हो गई जो कुल मामलों का 2.22% है। डाएगु और नॉर्थ ग्योंगसांग प्रांत में संक्रमितों की संख्या क्रमश: 6,835 और 1,361 हो गई है। लगभग 25 लाख की आबादी वाला डाएगु कोरोना के प्रसार का केंद्र बना हुआ है। डाएगु को सरकार ने ‘विशेष आपदा क्षेत्र’ घोषित किया है। सियोल और उसके निकटवर्ती ग्योंग्गी प्रांत में संक्रमितों की संख्या क्रमश: 626 और 658 पर आ गई है।

द.कोरिया: सियोल में नेशनल असंबेली में संसद सत्र में मास्क पहनकर शामिल हुए सांसद। कोरोना महामारी के बीच द.कोरिया पहला देश है, जहां संसदीय चुनाव हुए हैं।

खाड़ी देश में रमजान के दौरान लॉकडाउन में ढील
खाड़ी देश लेबनन, इराक और सीरिया ने रमजान के दौरान कोरोना के खतरे के कारण लगाए गए लॉकडाउन में थोड़ी बहुत ढील देने का फैसल किया है। एफे न्यूज के अनुसार, इराक की उच्च स्वास्थ्य और राष्ट्रीय समिति ने 21 अप्रैल से 22 मई तक शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू में ढील देने के निर्णय लिया है। कार्यवाहक प्रधानमंत्री एडेल अब्दुल महदी की अध्यक्षता वाली समिति ने प्रतिबंधों में ढील देने के सुझाव को मंजूरी दे दी। हालांकि, समिति ने कहा कि प्रतिबंध शुक्रवार और शनिवार को पूरी तरह से लागू रहेंगे। घर से बाहर जाने के दौरान लोगों को मास्क या फिर किसी अन्य वस्तु से मुंह ढंक कर निकलना होगा। साथ ही एक साथ तीन से ज्यादा लोग जमा नहीं हो सकेंगे।



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