सरकार गिरने के 41 दिन बाद कमलनाथ बोले- कुछ विधायकों ने झूठा भरोसा दिया था, मैंने और दिग्विजय ने मान लिया और सरकार नहीं बचा पाए

Posted By: Himmat Jaithwar
5/2/2020

भोपाल. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार गिरने के 41 दिन बाद बयान देकर राजनीतिक गलियारे में फिर से हलचल मचा दी है। न्यूज चैनल आज तक से बातचीत में कमलनाथ ने कहा, ''मैं राज्य में अपनी सरकार इसलिए नहीं बचा सका, क्योंकि दिग्विजय सिंह ने उनमें झूठा विश्वास भर दिया था कि पार्टी के कुछ विधायक साथ छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। यह जानबूझकर नहीं किया गया था, लेकिन स्थिति को ठीक से न  समझ पाने की वजह से ऐसा हुआ। दिग्विजय ने महसूस किया कि कुछ विधायक जो दिन में तीन बार उनसे बात कर रहे थे, वो कभी पार्टी का साथ नहीं छोड़ेंगे, लेकिन उन्होंने साथ छोड़ दिया।”

चैनल को दिया बयान वायरल होते ही कमलनाथ ने खुद की बात का ही खंडन करते हुए कहा कि "मेरी सरकार गिरने के मुद्दे पर बातचीत में मैंने चैनल से कहा- "स्वयं मुझको और दिग्विजय सिंह को कुछ विधायकों ने झूठा विश्वास दिलाया था कि वह वापस लौट आएंगे, उनके झूठे विश्वास पर हम दोनों ने भरोसा किया और हम अपनी सरकार नहीं बचा पाए। यह चर्चा अनौपचारिक थी और इसमें कहीं भी मैंने यह नहीं कहा कि दिग्विजय सिंह ने झूठा विश्वास भरा था, इसके कारण सरकार नहीं बची।"

सिंधिया जुलाई से भाजपा के संपर्क में थे  

कमलनाथ ने कहा, “जहां तक ​​ज्योतिरादित्य सिंधिया का सवाल है, मुझे पता था कि लोकसभा चुनाव हारने के बाद वह जुलाई से भाजपा के संपर्क में हैं। वह इस बात को कभी पचा नहीं पाए कि वह एक लाख से अधिक वोटों से लोकसभा चुनाव हार गए। वह भी उस उम्मीदवार से जो कभी कांग्रेस का साधारण कार्यकर्ता था। जिसे भाजपा ने अपने पाले में लेकर उनके खिलाफ चुनाव में उतारा था। सिंधिया अपनी हार के बाद बीजेपी के संपर्क में थे, लेकिन बीजेपी की राज्य इकाई ने उन्हें कभी नहीं चाहा। बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व किसी भी कीमत पर मध्य प्रदेश से दूसरी राज्यसभा सीट चाहता था। इसलिए उन्होंने सिंधिया को भाजपा की सदस्यता दिला दी। ”

20 मार्च को अल्पमत में आने के बाद गिर गई थी कमलनाथ सरकार

सिंधिया समर्थक 22 विधायकों के इस्तीफे के कारण कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी। 20 मार्च को कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार शपथ ली थी। शिवराज ने शपथ लेने के 28 दिन बाद 21 अप्रैल को मंत्रिमंडल का गठन किया। इसमें 5 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। 

कमलनाथ का दावा- उपचुनावों में 15 से ज्यादा सीटें जीतेगी कांग्रेस
मध्य प्रदेश उपचुनाव को लेकर भी कमलनाथ ने कई दावे किए। कहा, "यह आंकड़ों का खेल है। अभी हमारे पास 92 विधायक और उनके पास 107 हैं। 24 सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं। इसमें कम से कम 15 सीटें भाजपा के बराबर आने के लिए जीतनी होंगी। बाकी 7 विधायकों का काम 4 निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा मिलकर करेंगे। स्थितियां अभी ऐसी हैं कि हम 15 से ज्यादा सीटें जीतेंगे। "



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