मजदूरों की घर वापसी पर सियासी तकरार: अमित शाह के खत पर ममता की TMC का पलटवार- आरोप साबित करें या माफी मांगें

Posted By: Himmat Jaithwar
5/9/2020

कोरोना लॉकडाउन के दौरान पश्चिम बंगाल में प्रवासियों की ट्रेनों की एंट्री को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ममता बनर्जी को पत्र लिखा और आरोप लगाया कि उनकी सरकार प्रवासियों की ट्रेनों को राज्य में आने से रोक रही है, जो कि एक तरह से अन्याय है। इसके तुरंत बाद ममता की पार्टी टीएमसी ने पलटवार किया। तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर प्रवासियों को लेकर आने वाली ट्रेनों को न आने देने का आरोप लगाने वाले पत्र को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से कहा कि आप आरोप साबित करें या माफी मांगें। 

टीएमसी के अभिषेक बनर्जी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह हफ्तों तक चुप्पी साधे रखने के बाद केवल झूठ से लोगों को गुमराह करने के लिए बोलते हैं। दरअसल, अपने पत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार प्रवासी मजदूरों को लेकर जाने वाली ट्रेनों को राज्य पहुंचने की अनुमति नहीं दे रही है जिससे श्रमिकों के लिए और दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर, शाह ने कहा कि ट्रेनों को पश्चिम बंगाल पहुंचने की अनुमति न देना राज्य के प्रवासी श्रमिकों के साथ 'अन्याय' है। देश के विभिन्न हिस्सों से अलग-अलग गंतव्य स्थानों तक प्रवासी मजदूरों को ले जाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेनों का संदर्भ देते हुए गृह मंत्री ने पत्र में कहा कि केंद्र ने दो लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने की सुविधा प्रदान की है।


अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिक भी घर पहुंचने के लिए बेचैन हैं और केंद्र सरकार ट्रेन सेवाओं की सुविधा भी दे रही है। लेकिन हमें पश्चिम बंगाल से उम्मीद के मुताबिक सहयोग नहीं मिल रहा है। पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार ट्रेनों को पश्चिम बंगाल पहुंचने की अनुमति नहीं दे रही है। यह पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय है। यह उनके लिए और दिक्कतें खड़ी करेगा।

अमित शाह पर कांग्रेस ने कसा तंज
कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखे जाने के बाद शनिवार को कहा कि गृह मंत्री को ऐसा ही पत्र कर्नाटक और गुजरात के मुख्यमंत्रियों को भी लिखना चाहिए क्योंकि उनकी सरकारें मजदूरों को घर जाने से रोक रही हैं। पार्टी प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने यह भी कहा कि केंद्र अथवा किसी भी राज्य सरकार को संकट के इस समय राजनीति नहीं करनी चाहिए तथा मजदूरों की मदद के लिए रणनीति बनाने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने एक बयान में कहा, 'आश्चर्य इस बात का है कि लॉकडाउन में अमित शाह जी ने पहली बार बयान दिया है। उन्हें मजबूर मजदूरों के बारे में बात करने में 40 दिन लग गए। जब देश में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक लोग परेशान थे, मजदूर मर रहे थे तो वह कुछ नहीं बोले। इस बात को यह देश याद रखेगा।'



Log In Your Account