मध्यप्रदेशः बीजेपी के सपने पर लगा ग्रहण, कमलनाथ ने चला नया पैंतरा!

Posted By: Himmat Jaithwar
3/15/2020

भोपाल। कमलनाथ का यह ऐसा मास्टर स्ट्रोक है जिसके सामने न केवल शिवराज का सपना बल्कि सिंधिया की शपथ भी अधूरी रह सकती है। क्यों कि कोरोना संदिग्ध होने के कारण विधायकों को सदन में बुलाना संभव नहीं होगा। ऐसे में यह भी संभव है कि कोरोना के संदिग्द्ध विधायकों के साथ-साथ बाकी सभी विधायकों को भी ऐहतियात के तौर पर कम से कम 14 दिन के लिए आइसोलेशन में रखने के आदेश दिये जा सकते हैं। अगर कमलनाथ की यह चाल कामयाब हो गयी तो राज्यपाल के आदेश के बावजूद मध्यप्रदेश विधान सभा का सत्र कम से कम 14 दिन के लिए टल सकता है। कोरोना वायरस का संक्रमण ऐसा कारण है जिसके खिलाफ बीजेपी किसी अदालत में भी नहीं जा सकती। अगर बीजेपी अदालत जाती है तो भी बीजेपी को राहत मिलने के कम ही आसार रहेंगे।

ध्यान रहे इस समय कमलनाथ पर सरकार बनाने का दबाव बहुत ज्यादा है। वो सरकार बचाने के लिए कोई भी कदम उठा सकते हैं। क्यों कि मध्यप्रदेश विधानसभा की  230 सीटों में से दो स्थान रिक्त हैं। छह विधायकों के इस्तीफे मंजूर हो गए हैं। अब कांग्रेस के 108, भाजपा के 107, बसपा के दो, सपा का एक और चार विधायक निर्दलीय हैं। इस तरह 222 विधायकों के सदन में अब 112 विधायकों पर बहुमत मिलेगा, इस तरह कांग्रेस के पास चार विधायक कम है। चूंकि कांग्रेस को सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है, इसलिए अगर यह विधायक अपना समर्थन जारी रखते हैं तो कांग्रेस के पास कुल 115 विधायक हो जाएंगे और वह बहुमत में रहेगी।
मगर कांग्रेस सरकार के सामने मुसीबत यह है कि अभी भी बेंगलुरु में जो विधायक रूके हैं, वह किसका साथ देंगे। क्‍योंकि 22 में से 6 विधायकों की सदस्‍यता खत्‍म करने के बाद 16 विधायक अभी भी बचे हुए हैं, ऐसे में अगर यह विधायक कांग्रेस का साथ नहीं देते हैं तो कमलनाथ सरकार को बचाना काफी मुश्किल हो जाएगा। वहीं चार से ज्यादा विधायकों ने अगर भाजपा का साथ दिया, तो स्थिति में बड़ा बदलाव हो जाएगा और उस स्थिति में भाजपा बाजी मार सकती है। इसी स्थिति को बदलने के लिए कमलनाथ किसी भी हद तक जा सकते हैं। 



Log In Your Account