डब्ल्यूएचओ की सलाह- पाबंदियां हटाने वाले देश ज्यादा सतर्क रहें, सावधानी नहीं बरती तो संक्रमण दोबारा फैलने का खतरा

Posted By: Himmat Jaithwar
5/12/2020

जेनेवा. दुनिया के कई देशों ने कोरोना की वजह से लगाई गई पाबंदियां हटानी शुरू कर दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ऐसे देशों को ज्यादा सतर्क रहने के लिए कहा है। डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी प्रोग्राम के प्रमुख डॉ. माइक रेयान ने सोमवार को कहा, ‘’अब हमें कुछ उम्मीद नजर आ रही है। दुनिया के कई देश लॉकडाउन हटा रहे हैं, लेकिन इसको लेकर ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर बीमारी कम स्तर में मौजूद रहती है और इसके क्लसटर्स की पहचान करने की क्षमता नहीं हो तो हमेशा वायरस के दोबारा फैलने का खतरा रहता है। जो देश बड़े पैमाने पर संक्रमण रोकने की क्षमता नहीं होने के बावजूद पाबंदिया हटा रहे हैं, उनके लिए ऐसा करना खतरनाक हो सकता है।’’

डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी प्रोग्राम के प्रमुख डॉ. माइक रेयान ने कहा कि लॉकडाउन हटाने वाले देश ज्यादा सावधानी बरतें। नए
मामलों की पहचान में चूक हुई तो संक्रमण की दूसरी लहर शुरू हो सकती है।

बेहतर सर्विलांस दोबारा वायरस को फैलने से रोकने में अहम
रेयान ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि जर्मनी और दक्षिण कोरिया नए क्लसटर्स की पहचान कर सकेंगे। इन दोनों देशों में लॉकडाउन हटाने के बाद दोबारा संक्रमण फैल गया है। रेयान ने इन दोनों देशों की निगरानी व्यवस्था की सराहना की। कहा कि बेहतर सर्विलांस वायरस को दोबारा फैलने से रोकने के लिए जरूरी है। हम ऐसे देशों का उदाहरण सामने रखें, जो अपनी आंखें खोल रहे हैं और पाबंदियां हटाने इच्छुक हैं। वहीं, कुछ ऐसे देश भी हैं, जो आंखें मूंदकर इस बीमारी से बचने की कोशिश में हैं।

पाबंदिया हटाना मुश्किल और कठिन: गेब्रयेसस

डब्ल्यूएचओ के निदेशक डॉ. टेड्रॉस गेब्रयेसस ने कहा कि पाबंदिया हटाना मुश्किल और कठिन है। अगर इसे धीरे-धीरे और लगातार हटाया जाए तो इससे जान और रोजगार बचाए जा सकेंगे। संक्रमण की दूसरी लहर देख रहे जर्मनी, दक्षिण कोरिया और चीन जैसे देशों के पास इससे निपटने की सभी प्रणाली मौजूद है। जब तक वैक्सीन उपलब्ध न हो, बचाव के उपाय अपनाना ही वायरस से निपटने का प्रभावी हथियार है।



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