पार्टी व्यक्ति के घर से नही कार्यालय से चलना चाहिए...

Posted By: Himmat Jaithwar
11/27/2022

विधायक कार्यालय पर हुई प्रदेश प्रभारी की बैठक पर बागियों ने जताई आपत्ति

रतलाम(तेज़ इंडिया टीवी)। रतलाम शहर में शनिवार को विधायक चैतन्य काश्यप के जनसंपर्क कार्यालय पर हुई कोर कमेटी की बैठक को लेकर भाजपा के ही दूसरे धड़े ने निशाना साधा है। भारतीय जनता पार्टी की यह फूट वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को कहां ले जाएगी, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। 

विधायक के जनसंपर्क कार्यालय पर हुई प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव की बैठक पर पार्टी के बागी माने जाने वाले नेताओं द्वारा ही आपत्ति जताई गई है। जिला सरकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष अशोक चौटाला ने इस मामले में सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात रखी। 

चौटाला ने सीधे तौर पर विधायक चैतन्य काश्यप पर निशाना साधा। सोशल मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक रूप से चौटाला ने अपनी बात रखते हुए कहा कि पार्टी व्यक्ति के घर से नही कार्यालय से चलना चाहिए और वरिष्ठ लोगों को इस पर गम्भीरता से विचार करना चाहिए। 

उनका कहना था कि व्यक्ति विशेष के घर बैठक होती है, तो ऐसा महसूस होता है कि वह उस व्यक्ति की पार्टी है या उसके दबाव में निर्णय लिए जाते है। पार्टी कार्यालय कार्यकर्ताओं की मेहनत और खून पसीना बहाकर बनाया है। सोशल मीडिया पर चौटाला के द्वारा शुरू की गई बहस को देखते हुए विपक्षी दलों से जुड़े लोग भी उस पर चुटकियां लेते नजर आए। 

वहीं दूसरी ओर इस पूरे मामले को लेकर भाजपा  जिला अध्यक्ष राजेंद्रसिंह लुनेरा ने तेज इंडिया को बताया कि पार्टी कार्यालय जगह की कमी थी और हमने अन्य जगह तलाश की थी लेकिन शादी के कारण सभी जगह बुक थी, इसलिए शहर विधायक के कार्यालय पर बैठक आयोजित की गई थी।

वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भाजपा की तोड़फोड़ से दोबारा बनी शिवराज सरकार में अब सब कुछ ठीक हो जा नहीं दिख रहा है। सबसे सुरक्षित सीटों में मानी जाने वाली रतलाम शहर विधानसभा की सीट पर इस बार बागी समीकरण बिगाड़ते नजर आने लगे हैं। 

हाल ही में हुए नगर निगम चुनाव के दौरान भी बागियों के द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियां करने के साथ ही विपक्ष के नेता के पक्ष में काम करने की चर्चाएं भी आम थी और उसका असर भाजपा के घटते जनाधार के रूप में भी देखा गया है। महापौर के चुनाव में जहां भाजपा की लीड 25 हजार हुआ करती थी, वह घटकर अब महज 8 हजार ही रह गई है।



Log In Your Account