फिल्म इंडस्ट्री एक झटके से उबर नहीं पाती कि उसे दूसरा झटका लग जाता है। बुधवार को जहां वरिष्ठ गीतकार अनवर सागर के निधन के बाद गुरुवार सुबह गुदगुदाती रोमांटिक फिल्मों के भगवान कहे जाने वाले बासु चटर्जी नहीं रहे। इंडस्ट्री में उनकी पहचान बासु दा के रूप में थी।
अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि उनका निधन पहले से किसी बीमारी से हुआ या कोरोना संक्रमण के कारण। हम नए डिटेल्स के साथ इस खबर को अपडेट करते रहेंगे।
सोशल मीडिया से पता चला
90 साल के बासु के निधन की खबर IFTDA के प्रमुख अशोक पंडित ने ट्विटर पर शेयर करते हुए दी।
बासु चटर्जी को छोटी सी बात, रजनीगंधा, बातों बातों में, एक रुका हुआ फैसला और चमेली की शादी जैसी फिल्मों के निर्देशन के लिए जाना जाता है। बासु का अंतिम संस्कार दोपहर 2 बजे सांताक्रूज श्मशान घाट में होगा।
फैमिली फिल्मों के फिल्मकार
बासु चटर्जी 30 जनवरी 1930 को अजमेर में पैदा हुए । वे पहले ऐसे फिल्मकार थे जिन्होंने कोलकाता की छाप से अलग, अपनी एक अलग ही शैली पैदा की। चाहें वो 'चमेली की शादी' हो या 'खट्टा मीठा'। मिडिल क्लास फैमिली की गुदगुदाती और हल्के से छू जाने वाली रोमांटिक कॉमेडी फिल्मों ने बासु दा को सबसे अलग मुकाम हासिल कराया।