ट्रेन में सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्य रूप से रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) की होती है। RPF यात्रियों और रेलवे संपत्ति की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है, जबकि GRP कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। लेकिन कभी जीआरपी का काम शहर को करना पड़ता हैं। अब आबकारी विभाग की टीम ने शनिवार को कार्यवाही करते हुए ट्रेन के माध्यम से इंदौर से रतलाम लाई जा रही करीब 80 हजार 820 रुपए की अवैध अंग्रेजी शराब जप्त कर एक नाबालिग को गिरफ्तार किया। जबकि यह कार्य और क्षेत्र जीआरपी का है। तो कार्रवाई भी जीआरपी को करनी चाहिए लेकिन इस कार्य को करने में जीआरपी पुलिस असफल नजर आरही हैं। या यू कहे कि सूत्रों से अवैध शराब की तस्करी के बारे में पता भी होगा तो भी कार्रवाई करने में कोई मजबूरी होगी या कहे कि हाथ बंधे होंगे। कहीं ना कहीं जीआरपी और आरपीएफ मिलीभगत का इशारा नजर आता है। आबकारी विभाग से जारी प्रेस नोट में कहीं भी जीआरपी या आरपीएफ के साथ सयुक्त कार्यवाही की जानकारी नहीं है। ये जीआरपी और आरपीएफ की लापरवाही कहे या मक्कारी...।
ऐसे में जीआरपी की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े होते है। वहीं आरपीएफ भी इस मामले में कहीं दिखाई नहीं दी। कुल मिलकर आरपीएफ और जीआरपी की सांठ गांठ से ही ट्रेनों में अवैध वेंडर को पनाह मिली हुई नजर आती है, वही जीआरपी क्षेत्र में अवैध कार्य जारी है। जीआरपी और आरपीएफ अवैध धंधों को बढ़ावा देने में व्यस्त है। इससे फुर्सत मिलेगी तो रेलवे पुलिस क्राइम पर कंट्रोल कर पाईगी और यात्री की सुरक्षा की तरफ ध्यान दे पाएगी ओर पुलिस के मुख्य उदेश देश भक्ति और जन सेवा पर ईमानदारी से ध्यान दे पाएगी।
रतलाम आरपीएफ और जीआरपी यात्री की सुरक्षा और कानून व्यवस्था सुधारने में असमर्थ है। ऐसे में यात्री और आमजन किस पर विश्वास करें। कैसे खुदको सुरक्षित महसूस करें यह बड़ा सवाल है।
रतलाम GRP पुलिस के क्षेत्र में अवैध गतिविधियों को लगातार बढ़ावा मिल रहा है , ओर ट्रेनों में अवैध वेंडरों द्वारा तंबाकू, सिगरेट तक बेचे जा रहे है। और क्षेत्र में हर एक अपराधों अवैध गतिविधि ओर जिम्मेदारों की गैर जिम्मेदारी जिसका लगातार तेज इंडिया टीवी द्वारा खुलासा किया जा रहा है।
आबकारी पुलिस टीम ने प्रतापनगर क्षेत्र से पटरी के पास से इंदौर की तरफ से उतर रहे आरोपी नाबालिग को 4 बैग में 12
सिग्नेचर व्हिस्की, 12 बोतल बकार्डी रम ,12 बोतल मैजिक मोमेंट वोडका, 36 बोतल फॉक्स वोदका कुल 54.0 बल्क लीटर जब्त कर मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (2) के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
मामले में एक आरोपी विजय उर्फ मोनू राजावत पिता राजेंद्र राजावत निवासी रत्नेश्वर रोड फरार है जिसके कब्जे से 4 बैग में बरामद किए गए हैं।
बाल अपचारी को बाल न्यायालय में पेश कर बाल सुधार गृह भेजा गया एवं फरार आरोपी की तलाश जारी है।
जिला कलेक्टर रतलाम राजेश बाथम के निर्देशन में, सहायक आबकारी आयुक्त डॉ शादाब अहमद सिद्दीकी के मार्गदर्शन एवं सहायक जिला आबकारी अधिकारी पीसी केरवार के नेतृत्व में, अवैध मदिरा के निर्माण, विक्रय एवं संग्रहण के विरुद्ध चलाए जा रहे सघन अभियान के तहत 18 जुलाई को वृत्त रतलाम अतिरिक्त प्रभारी अधिकारी मीनाक्षी गुप्ता द्वारा हमराह आबकारी उप निरीक्षक श्री चेतन वैद द्वारा कार्रवाई की गई।
इस कार्यवाही में आबकारी उपनिरीक्षक अभिषेक वाईकर, आबकारी आरक्षक पुष्पा मीणा, भावना खोड़े , नगर सैनिक शंकर भूरिया एवं नरेंद्र भाटी का सराहनीय योगदान रहा।