दूसरे विश्व युद्ध में नाजियों से जीत की याद में 75वीं परेड शुरू; रूस दौरे पर गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद

Posted By: Himmat Jaithwar
6/24/2020

मॉस्को. रूस में बुधवार को 75वीं विक्ट्री डे परेड मॉस्को के रेड स्कवायर भारत के समय के हिसाब से दोपहर 12.30 बजे शुरू हुई। इस मौके पर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद हैं। भारतीय सेना की एक टुकड़ी इसमें हिस्सा ले रही है। 75 सदस्यों वाली इस टुकड़ी में आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के सैनिक शामिल हैं। इनकी अगुआई सिख लाइट इनफैंट्री रेजिमेंट के मेजर रैंक के अफसर कर रहे हैं। इस रेजिमेंट ने दूसरे वर्ल्ड वार में हिस्सा लिया था। इस जंग में लड़ने के लिए इसने चार बैटल ऑनर और दो मिलिट्री क्रॉस समेत कई वीरता पुरस्कार हासिल किए थे।

राजनाथ ने ट्वीट किया- 1941-1945 की लड़ाई में सोवियत लोगों की जीत की 75वीं सालगिरह मनाने के लिए मॉस्को में रेड स्क्वॉयर पर विक्ट्री परेड डे में शामिल हुआ। मुझे गर्व है कि भारत की तीनों सेनाओं की टुकड़ी भी इस परेड में भाग ले रही है।

मॉस्को में रेड स्क्वॉयर में विक्ट्री डे परेड के दौरान रूसी सैनिकों ने मार्च निकाला।

परेड में रूस के 13 हजार सैनिक, आर्मी के 234 व्हीकल, मिसाइल और टैंकों के साथ शामिल हुए हैं। 75 प्लेन थोड़ी देर में फ्लाई पास्ट में हिस्सा लेंगे। चीन समेत कई दूसरे देशों के नेताओं को भी इस आयोजन में शामिल होने का न्योता दिया गया है। रूस हर साल जर्मनी के नाजियों से यूनियन ऑफ सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक्स (यूएसएसआर) की जीत की याद में विक्ट्री डे मनाता है।

विक्ट्री डे परेड के दौरान रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और रूसी सेना प्रमुख ओलेग सल्यूकोव ने एक-दूसरे को सलामी दी।

इस साल विक्ट्री डे परेड में देरी हुई
पहले यह परेड 9 मई को होनी थी, लेकिन कोरोना की वजह से लॉकडाउन हो गया था। ऐसे में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परेड का शेड्यूल आगे बढ़ाने की घोषणा की थी। रूस की राजधानी मॉस्को में अब कुछ पाबंदियां हटाई गई हैं। हालांकि, यह राहत सिर्फ परेड के लिए है।

मॉस्को के मेयर सर्गेइ सोबयानिन ने लोगों से अपील की है कि वे घरों में ही रहें और टेलीविजन पर परेड देखें। सेरेमनी देखने के लिए बुलाए गए पूर्व सैनिकों को भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठाया जाएगा।

रेड स्कॉयर में विक्ट्री डे परेड से पहले रूस की महिला सैनिकों की टुकड़ी मार्च करती हुई।

पुतिन के लिए खास है इस बार की परेड
इस हफ्ते रूस में संविधान में बदलाव के लिए वोटिंग होनी है। इससे पुतिन के 2024 के बाद भी सत्ता में बने रहने का रास्ता साफ हो सकता है। इसलिए इस साल की विक्ट्री डे परेड पुतिन के लिए अहम मानी जा रही है। पुतिन देश में राष्ट्रवाद की भावना के लिए विक्ट्री डे को काफी तवज्जो देते हैं। उन्होंने 2008 से इस परेड में हथियारों और टैंकों को शामिल करने की शुरुआत की थी।

चीन की सेना की टुकड़ी भी इस परेड में शामिल हुई। इसमें चीन समेत कई देशों की सेना को बुलाया गया है।



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