मुहिम को शुरू करने वाली भी एक महिला, सिर्फ हनी ट्रैप की वजह से छापा मारते तो बाकी 63 केस क्यों दर्ज होते

Posted By: Himmat Jaithwar
6/29/2020

इंदौर. काफी समय से माय होम और जीतू सोनी को लेकर इनपुट मिल रहे थे। हम कार्रवाई करने को तैयार थे, लेकिन कोई शिकायत नहीं कर रहा था। जिस तरह की बातें सामने आ रही थीं, उससे आशंका थी कि पता नहीं माय होम होटल में क्या-क्या चल रहा है? इसकी तफ्तीश में जुटे थे। इसी बीच 30 नवंबर को निगम इंजीनियर हरभजनसिंह ने ब्लैकमेलिंग की शिकायत की। उनकी एफआईआर और ऑडियो-वीडियो से जो क्लू मिले, उसके बाद हमने आला अफसरों से बात कर बड़ी कार्रवाई शुरू की।

देर रात जब भीतर पहुंचे तो हमने जो सोचा था, उससे कहीं ज्यादा गड़बड़ियां मिलीं। 67 लड़कियां और सात बच्चे बुरे हाल में रह रहे थे। लड़कियों से डांस करवाया जाता था, ताकि उन पर पैसे उड़ाए जा सकें। हैरत हुई कि इंदौर जैसे शहर में ये चीजें चल रही थीं। हमने कार्रवाई की तो लोग सामने आने लगे।

जो लोग बोल रहे थे कि हनी ट्रैप के कारण यह सब हुआ, उन्हें बता दूं कि उस मामले में जीतू पर एक ही केस है। बाकी 63 केस ह्युमन ट्रैफिकिंग, दुष्कर्म, प्रॉपर्टी पर कब्जे के हैं। अगर यह कार्रवाई गलत होती तो इतने लोग केस दर्ज कराते? इसके इतना बड़ा होने का जवाब फरियादियों के आवेदन हैं। हमने पूरी कार्रवाई कानूनी दायरे में रहकर की। डांस बार, प्रॉपर्टी जैसे कई धंधों में जीतू का दखल था। इतने दिन हमारी कार्रवाई चली, लेकिन कभी कोई राजनीतिक दबाव नहीं आया। उसकी फरारी जरूर चुनौती थी, पर उसमें भी हमने काफी कोशिश की।

नेपाल, गुजरात, मुंबई तक पुलिस टीमें भेजीं। असल में उसने भागते ही तकनीकी माध्यमों से नाता तोड़ लिया था। इसलिए वह पुलिस की पहुंच से दूर हुआ। अब पुलिस को उसे सजा दिलाने के लिए मजबूत साक्ष्य, सभी दस्तावेज, गवाहों के बयान पर फोकस करना चाहिए।



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