हॉस्पिटल की मॉर्चुरी में सुशांत की बॉडी के साथ 45 मिनट तक रही थीं रिया चक्रवर्ती, सुब्रह्मण्यम स्वामी ने पूछा- क्या वे सबूतों से छेड़छाड़ कर रही थीं?

Posted By: Himmat Jaithwar
8/21/2020

 कूपर हॉस्पिटल की मॉर्चुरी में उनकी बॉडी के पास करीब 45 मिनट तक रही थीं। इससे संबंधित एक वीडियो भी सामने आने का दावा किया जा रहा है।

वीडियो में रिया के साथ तीन अन्य लोग भी दिखे

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके हाथ रिया का एक वीडियो लगा है, जिसमें रिया अस्पताल की मॉर्चुरी में जा रही हैं और वहां से करीब 45 मिनट बाद बाहर निकलती हैं। वीडियो 15 जून की सुबह का बताया जा रहा है। इसमें रिया के साथ दो लड़के और एक लड़की भी नजर आ रही है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि इनमें जो लड़की है, वह श्रुति मोदी है। जबकि दोनों लड़कों में एक रिया का भाई शोविक और दूसरा सुशांत का हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा बताया जा रहा है।

वीडियो सामने आने के बाद सवाल उठ रहा है कि रिया को मॉर्चुरी में जाने की इजाजत कैसे मिली? क्योंकि मॉर्चुरी प्रतिबंधित क्षेत्र होता है, जिसके अंदर बिना पुलिस और मृतक की फैमिली मेंबर्स की इजाजत के बिना कोई भी नहीं जा सकता। वह भी तब, जब कोरोनावायरस के चलते सरकार और प्रशासन द्वारा तमाम ऐहतियात बरतने पर जोर दिया जा रहा है।

सुब्रह्मण्यम स्वामी का सवाल- क्या सबूतों से छेड़छाड़ की?

वायरल वीडियो सामने के बाद भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जब आरसी कूपर हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम चल रहा था, तब रिया वहां 45 मिनट के लिए लिव-इन-गर्ल थी। क्या जब पोस्टमॉर्टम चल रहा था, तब वह रूम के अंदर थीं और सबूतों से छेड़छाड़ कर रही थीं? उनका निकनेम फेमी फेटल (मैन-ईटर या खलनायिका) कर देना चाहिए।’’

सीबीआई ने पूछताछ के लिए कुक को हिरासत में लिया

इधर, सीबीआई ने सुशांत सिंह राजपूत के कुक नीरज को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। नीरज वह शख्स हैं, जिन्होंने दावा किया था कि 14 जून की सुबह उन्होंने सुशांत को जूस दिया था। सीबीआई की एक टीम जानकारी जुटाने बांद्रा डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे के ऑफिस पहुंची।

क्या मुंबई पुलिस पर सीबीआई को नहीं भरोसा?

सीबीआई टीम को रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले डीआरडीओ गेस्ट हाउस में ठहराया गया है। दावा किया जा रहा है कि सीबीआई के अफसरों को महाराष्ट्र सरकार और वहां की पुलिस पर भरोसा नहीं है। इसलिए उन्होंने किसी होटल या राज्य सरकार के गेस्ट हाउस की बजाय डिफेन्स मिनिस्ट्री के गेस्टहाउस में ठहरने का फैसला लिया है।



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