बीएमसी ने हाईकोर्ट में कहा-एक्ट्रेस की याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग, लगना चाहिए जुर्माना

Posted By: Himmat Jaithwar
9/19/2020

मुम्बई। एक्ट्रेस कंगना रनोट के पाली हिल्स स्थित ऑफिस को तोड़े जाने के मामले में बृहन्मुंबई महानगरपालिका(बीएमसी) ने शुक्रवार को हाईकोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल कर दिया है। इसमें दावा किया गया है कि अभिनेत्री की और से दायर याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है, इसलिए याचिका खारिज कर उनपर जुर्माना भी लगाना चाहिए। इससे पहले 14 सितंबर को कंगना की और से इस मामले में जवाब दायर किया गया था। मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर को होनी है।

9 सितंबर को पाली हिल स्थित कंगना रनोट के ऑफिस मणिकर्णिका फिल्म्स के कई हिस्सों को बीएमसी ने अवैध बताते हुए तोड़ दिया था। जिसके बाद हाईकोर्ट में कंगना रनोट की और से याचिका दायर कर इस कार्रवाई को अवैध बताते हुए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) से 2 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा गया है।

हाईकोर्ट से भी अभिनेत्री को राहत देते हुए बंगले में यथास्थिति बनाने का आदेश दिया गया था, लेकिन जब तक कोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगाई, कंगना के वकील का दावा है तब तक बंगले को 40 फीसदी ध्वस्त किया गया था। इसमें झूमर, सोफा और दुर्लभ कलाकृतियों समेत कई कीमती संपत्ति भी शामिल है।

हलफनामे में बीएमसी ने यह कहा था

हलफनामे में कहा गया है कि रिट याचिका और उसमें मांगी गई राहत कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करती है। इसलिए इस याचिका पर विचार नहीं किया जाना चाहिए और इसे जुर्माने के साथ खारिज किया जाना चाहिए। बीएमसी ने अपने हलफनामे में यह भी स्पष्ट किया है कि उन्होंने किस कानूनी प्रक्रिया के तहत कंगना के ऑफिस में अवैध निर्माण को तोड़ा है।

बीएमसी ने हाईकोर्ट में दिए हलफनामे में बताया कि एक्ट्रेस कंगना रनोट के ऑफिस ग्राउंड फ्लोर के टॉयलेट को अवैध तरीके से रूम में बदला गया है। ग्राउंड फ्लोर में अवैध तरीके से किचन का निर्माण किया गया। इसके अलावा पैंट्री, टॉयलेट, केबिन, पूजा घर सहित और भी कई निर्माण को गैरकानूनी तरीके से किया गया है।

14 सितंबर को मनाली लौटीं कंगना

कंगना रनोट 9 सितंबर को मुंबई पहुंची थीं। 13 सितंबर को उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से मुलाकात कर उन्हें अपने साथ हुए अन्याय के बारे में बताया था। 14 सितंबर की सुबह वे मुंबई से मनाली रवाना लौट गईं हैं। अपने होमटाउन पहुंचने के बाद भी वे शिवसेना, कांग्रेस और महाराष्ट्र सरकार पर लगातार हमलावर हैं।



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