लड़के ने पहले मां से पहचान बनाकर विश्वास जीता; फिर बेटी से रेप किया और 50 साल के परिचित के पास छोड़ा, उसने भी दुष्कर्म किया

Posted By: Himmat Jaithwar
9/21/2020

राजधानी भोपाल में 16 साल की नाबालिग से गैंगरेप किए जाने का मामला सामने आया है। इसमें एक आरोपी 22 साल का है, जबकि दूसरा आरोपी 50 साल का बताया जाता है। आरोपी करीब 15 दिन तक नाबालिग को यहां-वहां घुमाता रहा। उसे पेट दर्द होने के बाद पर वह उसे उसकी मौसी के घर छोड़कर भाग गए। नाबालिग ने देर रात परिजनों के साथ टीला जमालपुरा थाने पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। अभी किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। आरोपी ने पहले मां से पहचान बनाकर विश्वास जीता था। इसके बाद लड़की से दोस्ती कर ली थी।

टीला जमालपुरा थाना प्रभारी राधेश्याम रेंजर ने बताया कि 16 वर्षीय नाबालिग कृष्णा नगर में रहती है। पिता की मौत के बाद उसकी मां ही उसका लालन-पालन करती है। वे प्राइवेट नौकरी करती हैं। कभी-कभी वह मां की मदद के लिए उनके साथ काम पर चली जाती थी। करीब डेढ़ साल पहले मां की मुलाकात हबीबगंज में रहने वाले 22 साल के आरोपी सागर रैकवार से हुई थी। उसने मां का मोबाइल नंबर ले लिया था।

फोन पर करने लगा था बात

सागर बीच-बीच में महिला को फोन करता रहता था। फिर वह घर आने लगा। उनकी फोन पर भी बात होती थी। इसके कारण उसकी पहचान हो गई। पिछले साल जब मां घर पर नहीं थी, तब सागर आया और उसने लड़की से रेप किया। इसके बाद वह लगातार कभी उसके घर और कभी दूसरी जगह ले जाकर दुष्कर्म करता रहा। करीब 15 दिन पहले बहला-फुसलाकर वह अपने साथ ले गया। उसने अलग-अलग जगह पर रेप किया। रविवार दोपहर वह अपने एक परिचित जफर के यहां ले गया।

सागर के जाते ही ज्यादती की

जफर की उम्र करीब 50 साल है। सागर ने उनसे कहा कि वह मकान ढूंढने जा रहा है तब तक इसे अपने यहां रख लो। सागर के जाते ही जफर ने भी नाबालिग लड़की के साथ रेप किया। करीब 5 घंटे बाद सागर लौटा तो लड़की ने उसको सब कुछ बता दिया। उसने बताया कि उसे पेट में तकलीफ हो रही है। इसके बाद वह उसे उसकी मौसी के घर छोड़कर भाग गया।

अस्पतालों के चक्कर भी काटे

बताया गया कि करीब 3 महीने पहले भी पीड़िता को पेट में तकलीफ हुई थी। जिसके बाद सागर उसे लेकर डॉक्टर के पास गया था। डॉक्टर ने उनसे कहा कि वह इस तरह के मामले नहीं देखते हैं। या तो परिजन को लेकर आएं या सरकारी अस्पताल जाएं। सागर सरकारी अस्पताल गया तो वहां भी उन्हें यही जवाब मिला। इसके बाद वे प्राइवेट किसी डॉक्टर से मिले, लेकिन उसका इलाज नहीं हो सका।



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