वडोदरा के चार इंजीनियर दोस्तों ने मिलकर चाय कैफे स्टार्ट किया, शुरुआत में ही हर महीने 50 हजार रु. का मुनाफा

Posted By: Himmat Jaithwar
4/3/2021

वडोदरा। गुजरातियों को व्यापार करने के लिए देश और दुनिया में जाना जाता है। उनके लिए कोई व्यवसाय छोटा या बड़ा नहीं होता है। वे अपनी मेहनत के दम पर बड़ा मुकाम हासिल करते हैं। ऐसा ही कुछ वडोदरा के चार युवकों ने किया है। इन्होंने एक चाय कैफे शुरू किया। चाय बेचने का व्यवसाय आमतौर पर छोटा माना जाता है, लेकिन इन युवाओं ने चाय बेचने के लिए अपने स्टार्टअप को इस तरह से डिजाइन किया है कि इससे पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचे और लोगों को पसंद भी आए। इस स्टार्टअप से चारों युवक हर महीने 50 हजार रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं। ​

कैफे को बड़े ही खूबसूरत तरीके से सजाया गया है। यहां आने वाले ग्राहकों के लिए इनडोर गेम्स की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा कागज या कांच के कपों के बजाए बिस्किट कप में चाय देने की व्यवस्था है। यानी चाय पीने के बाद कप को खा भी सकते हैं, जिसे ग्राहक भी पसंद कर रहे हैं।

ये चाय कैफे पूरी तरह से इको फ्रेंडली है। इसके कप को इस तरह डिजाइन किया गया है कि चाय पीने के बाद इसे खाया भी जा सकता है।
ये चाय कैफे पूरी तरह से इको फ्रेंडली है। इसके कप को इस तरह डिजाइन किया गया है कि चाय पीने के बाद इसे खाया भी जा सकता है।

वडोदरा में रहने वाले रुकमिल शाह, आर्श देसाई, ऋतिक पाटनी और हेनील शाह ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, लेकिन इंजीनियरिंग में करियर बनाने के बजाय इन्होंने सामा-सवली रोड पर दो महीने पहले चाय कैफे के नाम एक रेस्टोरेंट शुरू किया। दूसरे रेस्टोरेंट में चाय गिलास या कप में दी जाती है, लेकिन इन्होंने इको फ्रेंडली चाय के कप बनाए, जिसे चाय पीने के बाद खाया जा सके।

इस बारे में रुकमिल शाह बताते हैं कि बिस्किट कप में चाय परोसने वाला पहला कैफे हमारा कैफे गुजरात के एकमात्र शहर वडोदरा में है। देश भर की बात की जाए तो साउथ के कई शहरों में बिस्किट सामग्री से बने कप में चाय बेचने वाले कैफे हैं।

दो महीने पहले ही यह कैफे शुरू किया गया। इसे ग्राहक काफी पसंद कर रहे हैं। हर दिन सौ के करीब ग्राहक आ रहे हैं।
दो महीने पहले ही यह कैफे शुरू किया गया। इसे ग्राहक काफी पसंद कर रहे हैं। हर दिन सौ के करीब ग्राहक आ रहे हैं।

बिजनेस के साथ सोशल वर्क भी

आर्श देसाई कहते हैं कि हम चारों शुरुआत से ही किसी बिजनेस के बारे में सोच रहे थे। इसी के चलते हमने चाय कैफे शुरू करने का विचार किया। आज हम एक ही कैफे से हर महीने दो लाख रुपए की चाय बेचकर 40 से 50 हजार रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं। अब हमारी प्लानिंग गुजरात के अन्य शहरों में भी चाय कैफे शुरू करने की है। कमाई से अपने चाय के व्यवसाय को आगे बढ़ाने के साथ, हम अपने बड़ौदा यूथ फेडरेशन के तत्वावधान में सामाजिक काम भी कर रहे हैं।

बड़ौदा यूथ फेडरेशन में लगभग 60 युवा हैं, जिन्होंने कोरोना काल के दौरान करीब 600 परिवारों में भोजन किट बांट थे। ये समाज सेवा सभी युवकों ने अपनी पॉकेट मनी से की थी। खाने के साथ मास्क, ग्लव्स, साबुन सहित कई चीजों के किट भी बांटे गए। हाल ही में गर्मी के मौसम में हमारे संगठन द्वारा छाछ का वितरण भी किया जा रहा है। हमारे संगठन समय-समय पर रक्तदान शिविर, मकर संक्रांति के दौरान घायल पक्षियों के उपचार जैसी गतिविधियों का भी संचालन करते हैं।

कैफे को बड़े ही खूबसूरत तरीके से सजाया गया है। यहां आने वाले ग्राहकों के लिए इनडोर गेम्स की व्यवस्था की गई है।
कैफे को बड़े ही खूबसूरत तरीके से सजाया गया है। यहां आने वाले ग्राहकों के लिए इनडोर गेम्स की व्यवस्था की गई है।

देश भर में स्टार्टअप को फैलाने की योजना

आर्श देसाई कहते हैं कि हम अपने चाय कैफे को देश के सभी शहरों में फैलाकर अपने व्यवसाय को ऊंचाइयों पर ले जाने की कोशिश में लगे हुए हैं। कैफे में शतरंज, कैरम की भी व्यवस्था है और यहां वाले ग्राहक चाय की चुस्कियों के साथ इन खेलों का भी आनंद ले सकते हैं।

ऋतिक पाटनी के बताए अनुसार यहां आने वाले ग्राहकों को हमारा यह आइडिया काफी पसंद आ रहा है। सभी लोगों ने यही कहा कि पहली बार हमने बिस्किट कप में चाय पी है। आमतौर पर लोग चाय के साथ बिस्किट खाते ही हैं तो इस कप से हल्का नाश्ता भी हो जाता है। इससे पर्यावरण को बचाने में भी काफी मदद मिलेगी।



Log In Your Account