तीन युवाओं की अनोखी पहल, एक ऐप पर ऑक्सीजन से लेकर रेमडेसिविर की अवेलेबिलिटी के बारे में जानकारी; 5 दिन में दो लाख यूजर जुड़े

Posted By: Himmat Jaithwar
4/27/2021

पूरी दुनिया कोरोना के कहर से जूझ रही है। भारत में हालात और भी भयावह हैं। अस्पतालों में बेड की मारामारी है, ऑक्सीजन बिना सांसें छूट रही हैं। किसी को दवाई नहीं मिल रही तो कोई एम्बुलेंस के लिए तड़प रहा है। परिजन अपनों को बचाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं, गुहार लगा रहे हैं। यहां से वहां दिनभर अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। ज्यादातर लोगों को तमाम कोशिशों के बाद भी सिस्टम से निराशा हाथ लग रही है।

लेकिन, इस मुश्किल दौर में कई युवा आगे आकर मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं। वे नए-नए इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के जरिए लोगों की जिंदगी बचाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी ही एक अनोखी पहल की है हैदराबाद के कुछ युवाओं ने। इन्होंने Hydcovidresources.com नाम से एक यूजर फ्रेंडली ऐप लॉन्च किया है। जिसकी मदद से ऑक्सीजन, रेमडेसिविर, अस्पताल और एम्बुलेंस से लेकर डॉक्टर तक की जानकारी आसानी से ली जा सकती है। पूरे हैदराबाद में कब और किस जगह पर इन चीजों की उपलब्धता है और कैसे वहां तक पहुंचा जा सकता है, इसकी पूरी जानकारी इस ऐप में है। इसे डिजाइन किया है वेंसी कृष्णा, मेधा और उनके कुछ साथियों ने।

कैसे हुई शुरुआत?

25 साल की वेंसी कृष्णा लॉ प्रोफेशनल हैं। कुछ दिन पहले उनकी मां कोरोना संक्रमण का शिकार हो गईं। वेंसी ने हॉस्पिटल और बेड के लिए हर जगह कोशिश की। कई अस्पतालों को फोन किया, लेकिन कई घंटों की कोशिश के बाद भी कहीं एडमिट नहीं करा सकीं। हालांकि अच्छी बात यह रही कि उनकी मां घर पर रहकर ही कोविड संक्रमण से रिकवर कर गईं।

इनका तैयार किया हुआ ऐप खोलने पर कुछ इस तरह की कैटेगरी दिखेगी। इस पर क्लिक करके उस सर्विस संबंधी जानकारी ली जा सकती है।
इनका तैयार किया हुआ ऐप खोलने पर कुछ इस तरह की कैटेगरी दिखेगी। इस पर क्लिक करके उस सर्विस संबंधी जानकारी ली जा सकती है।

इसके बाद वेंसी को लगा कि उनकी तरह शहर में ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें अस्पताल, बेड और दूसरी जरूरत की चीजें नहीं मिल पा रही हैं। उन्हें इसके लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। इसको लेकर वे कुछ इनोवेटिव करने के लिए प्लान कर रही थीं। इसी दौरान उनकी बात मेधा से हुई। मेधा सोशल वर्कर हैं और वेंसी की फ्रेंड हैं। मेधा भी हैदराबाद के अस्पतालों में ऑक्सीजन प्रोवाइड कराने वालों की लिस्ट तैयार कर रही थीं। फिर क्या था, दोनों ने एक साथ मिलकर काम करने का फैसला लिया। इसके बाद डेटा एक्सपर्ट अभिषेक भी इनकी टीम में शामिल हो गए।

2 घंटे में तैयार हो गया ऐप
मेधा बताती हैं कि 19 अप्रैल को हमारी बात हुई और 20 को दोपहर में हमने ऐप तैयार कर लिया। इसे डेवलप करने में महज दो घंटे लगे। इसे डिजाइन करने के लिए हमने किसी तरह की कोडिंग नहीं की है। तीन से चार घंटे बाद ही शाम तक हमें 10 हजार से ज्यादा यूजर्स मिल गए। अगले दिन हमने सोशल मीडिया पर शेयर किया। इससे भी यूजर्स की संख्या में इजाफा हुआ। पांच दिन के भीतर 2 लाख से ज्यादा यूजर्स जुड़ गए।

मेधा बताती हैं कि हमने ये स्टार्टअप पूरी तरह से मदद करने के लिए शुरू किया है। इससे किसी तरह की अर्निंग करना हमारा मकसद नहीं है। इस मुश्किल दौर में हम ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद करना चाहते हैं। मेधा, वेंसी और अभिषेक, ये तीनों कोर टीम में हैं। जबकि 30 से ज्यादा लोग वॉलेंटियर्स के तौर पर जुड़े हैं। अभी हर दिन लोग इस मुहिम से जुड़ने और लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं।

अस्पताल, ऑक्सीजन से लेकर दवाई तक की जानकारी?
मेधा बताती हैं कि हमारा ऐप यूजर फ्रेंडली है। इसके लिए आपको ऐप डाउनलोड करने की जरूरत नहीं है। आप अपने ब्राउजर से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें हमने ऑक्सीजन, एंबुलेंस, दवाइयां, अस्पताल, बेड, ब्लड बैंक, प्लाज्मा, रेमडेसिविर, मील सर्विसेज, क्वारैंटाइन सर्विसेज, ऑफ्टर डेथ सर्विसेज जैसे कई कैटेगरी रखे हैं। इस पर क्लिक करने पर उससे संबंधी जितने भी सोर्स होंगे उनकी लिस्ट दिख जाएगी। इसमें उसका फोन नंबर, पता और उपलब्धता की जानकारी दर्ज है।

कैसे करते हैं काम?
मेधा और उनकी टीम के मेंबर्स लगातार अपडेट रहते हैं। वे लोग हैदराबाद में कहां-कहां कौन सी चीजें हैं, उसकी लिस्ट बनाते रहते हैं। और उसे उस कैटेगरी में अपडेट करते रहते हैं। मेधा बताती हैं कि हम लोग उन रिसोर्सेज के पास दिनभर में तीन से चार बार कॉल करते हैं और करेंट अवेलेबिलिटी के बारे में जानकारी लेते हैं। फिर उसे ऐप पर अपडेट कर देते हैं। जैसे हमने ऑक्सीजन की कैटेगरी रखी है। तो हम लोग सुबह, दोपहर और शाम में उन सभी लोगों को कॉल करते हैं जो ऑक्सीजन सिलेंडर प्रोवाइड कराते हैं। उनसे जानकारी लेने के बाद हम ऐप पर अपडेट करते हैं कि अभी किन-किन जगहों पर ऑक्सीजन उपलब्ध है, कहां आउट ऑफ स्टॉक है और कहां फोन स्विच ऑफ है। ताकि लोगों का वक्त जाया नहीं हो।

प्रियंका चोपड़ा ने पोस्ट किया, सरकार से भी मदद का भरोसा
मेधा बताती हैं कि जब सोशल मीडिया पर हमने अपने बारे में जानकारी शेयर की तो लोगों ने काफी सपोर्ट किया। अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने भी अपने सोशल मीडिया पर इसे शेयर किया। हमने तेलंगाना सरकार से भी मदद की अपील की थी। इसके बाद उन्होंने हमें भरोसा दिया है कि वे हर तरह से इस मुहिम में मदद करेंगे।

वे बताती हैं कि कई लोग सोशल मीडिया और ऐप के माध्यम से वॉलंटियर बनने की पेशकश कर रहे हैं। पांच दिन के भीतर 150 तक लोगों की रिक्वेस्ट आई है। हम जल्द ही उन्हें भी अपने साथ जोड़ेंगे। अभी शहर के कई डॉक्टर भी इससे जुड़े हैं, जो लोगों को फोन के जरिए ट्रीटमेंट और गाइड कर रहे हैं। मेधा कहती हैं कि आने वाले दिनों में हम लोग वैक्सीनेशन को लेकर भी एक कैटेगरी जोड़ेंगे। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगवाई जा सके।



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