IIT से बीटेक और दो साल प्राइवेट जॉब करने के बादर तीसरी कोशिश में हासिल की ऑल इंडिया थर्ड रैंक, ऐसी है सुल्तानपुर की प्रतिभा वर्मा की कहानी

Posted By: Himmat Jaithwar
8/5/2020

यूपीएससी ने सिविल सर्विसेज 2019 की फाइनल रिजल्ट मंगलवार दोपहर जारी कर दिया। परीक्षा में इस साल प्रदीप सिंह टॉपर रहे, वहीं गर्ल्स कैटेगरी में यूपी के सुल्तानपुर की प्रतिभा वर्मा ने AIR 3 हासिल कर टॉप 3 में जगह बनाई ।

दैनिक भास्कर की हर्षिता सक्सेना से बातचीत करते हुए वर्तमान में इंडियन रेवेन्यू सर्विस में ऑफिसर के तौर पर काम कर रहीं प्रतिभा ने बताया कि वे बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनना चाहती थीं। अपने इसी सपने तक पहुंचने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से तैयारी की।

दो साल प्राइवेट सेक्टर में की नौकरी

प्रतिभा की स्कूलिंग अपने होम टाउन सुल्तानपुर से पूरी हुई, जिसके बाद साल 2010 में उन्होंने आईआईटी दिल्ली में बीटेक में एडमिशन लिया। साल 2014 में पास आउट होने के बाद 2 साल तक प्राइवेट सेक्टर में जॉब करने वाली प्रतिभा ने 2016 में रिजाइन कर सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की।

2017 में वह यूपीएससी के पहले अटेंप्ट में प्रिलिम्स ही क्लियर कर पाईं। इसके बाद साल 2018 में अपने दूसरे अटेंप्ट में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 489 हासिल की इंडियन रेवेन्यू सर्विस ऑफिसर की जॉब हासिल की। इसी साल प्रतिभा ने इंडियन फॉरेस्ट ऑफिसर भी क्लियर कर 13वीं रैंक पाईं।

2018 में बनी इंडियन रेवेन्यू सर्विस ऑफिसर

साल 2018 में इंडियन रेवेन्यू सर्विस ऑफिसर बनने के बाद भी उनके मन में अधूरे सपने को पूरा करने की ललक बाकी थी। आईआरएस में अपनी सर्विस देते हुए उन्हें यह रियलाइज हुआ कि वह एक अच्छी कैंडिडेट हैं, जो इस परीक्षा को क्लियर कर सकती हैं।

दो अटेंप्ट करने के बाद वह जान चुकी थी कि उन्हें किस फील्ड में सुधार की जरूरत है। साथ ही अधूरे सपने की टीस उन्हें खुद के प्रति बेईमान साबित कर रहीं थी। ऐसे में प्रतिभा ने बचपन से ही आईएएस बनने के अपने इस अधूरे सपने को पूरा करने के लिए साल 2019 में एक बार फिर यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला किया।

तीसरे अटेंप्ट में हासिल की तीसरी रैंक

आईएएस बनने के पीछे प्रतिभा का मुख्य उद्देश्य सोसाइटी में सुधार, लोगों की प्रत्यक्ष तौर पर मदद और स्टेटस में बदलाव है। इतना ही नहीं वह मौका मिलने पर देश में एजुकेशन के लिए भी अपना योगदान देना चाहती हैं। देश और समाज की प्रत्यक्ष सेवा के लिए ही प्रतिभा ने तीसरी बार फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी, जिसमें इस बार सफलता हासिल करते हुए उन्होंने ऑल इंडिया थर्ड रैंक हासिल कर आखिरकार आईएएस अफसर बनने का अपना सपना पूरा कर लिया।

सरकारी स्कूल में टीचर्स हैं पैरेंट्स

दो भाई, दो बहनों में से एक प्रतिभा के प्रतिभा के माता-पिता सरकारी स्कूल में टीचर्स हैं। उन्होंने बताया कि यूपीएससी की परीक्षा आपकी नॉलेज बढ़ाने के साथ ही बहुत कुछ डिमांड भी करती हैं। ऐसे में अपने लक्ष्य को पाने के लिए लगातार मेहनत करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई UPSC एग्जाम दे रहा है और उसके अंदर लगन और जज्बा है तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।



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